ऑस्कर कब शुरू हुआ? किसने शुरू किया? यह दुनिया का सबसे बड़ा फिल्म पुरस्कार क्यों है…जानें रोचक बातें

भारत से ऑस्कर के लिए 3 नॉमिनेशन आए थे। इसमें बेस्ट ऑरिजिनल सॉन्ग के लिए फिल्म ‘आरआरआर’ का गाना ‘नाटू-नाटू’…

भारत से ऑस्कर के लिए 3 नॉमिनेशन आए थे। इसमें बेस्ट ऑरिजिनल सॉन्ग के लिए फिल्म ‘आरआरआर’ का गाना ‘नाटू-नाटू’ और ऑरिजिनल शॉर्ट फिल्म कैटेगरी में ‘द एलिफेंट व्हिस्परर्स’ को ऑस्कर मिला है। वहीं डॉक्यूमेंट्री फीचर फिल्म कैटेगरी में फिल्म ‘ऑल दैट ब्रीथ्स’ ऑस्कर जीतने में चूक गई। इस तरह भारतीयों के लिए अभी गर्व करने का क्षण है।

क्या आपको ऑस्कर अवॉर्ड को लेकर मन में कई सवाल हैं? जैसे ऑस्कर कब शुरू हुआ, किसने शुरू किया, यह दुनिया का सबसे बड़ा फिल्म पुरस्कार क्यों है और ऑस्कर के लिए फिल्मों का चयन कैसे किया जाता है? क्या एक्टर्स को ट्रॉफी के साथ पैसे मिलते हैं? ऐसे कई सवाल हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि आज तक यह रहस्य बना हुआ है कि आखिर इस अवॉर्ड का नाम ऑस्कर क्यों रखा गया। यहां तक ​​कि खुद ऑस्कर कमेटी ने भी इसे कभी मंजूरी नहीं दी।

oscar
ऑस्कर पुरस्कार की शुरुआत कैसे हुई?

ऑस्कर का पहले नाम अकादमी पुरस्कार था। इस समारोह की नींव 1927 में रखी गई थी। अमेरिका में एमजीएम स्टूडियोज के प्रमुख लुइस बी. मेयर अपने तीन दोस्तों, अभिनेता कोनराड नागल, निर्देशक फ्रेड निब्लो और फिल्म निर्माता फेड बिटसन के साथ मिलकर एक ग्रुप बनाने का विचार किया था। इससे पूरी इंडस्ट्री को फायदा होगा और फिल्म निर्माताओं को प्रेरित करने के लिए एक अवॉर्ड शुरू किया जाना चाहिए। इस विचार को आगे बढ़ाने के लिए लोगों को शामिल करना जरूरी था।

इसके बाद हॉलीवुड के 36 मशहूर लोगों को लॉस एंजिलिस के एंबेसडर होटल में बुलाया गया। उनके सामने ‘इंटरनेशनल एकेडमी ऑफ मोशन पिक्चर ऑफ आर्ट एंड साइंस’ बनाने का प्रस्ताव रखा गया, जिसे सभी ने मान लिया। इसके अधिकारी मार्च 1927 तक चुने गए। इसके अध्यक्ष हॉलीवुड अभिनेता और निर्माता डगलस फेयरबैंक्स थे।

11 मई, 1927 को 300 मशहूर हस्तियों के लिए एक भोज आयोजित किया गया था, जिनमें से 230 लोगो ने $100 का भुगतान करके अकादमी के आधिकारिक सदस्य बने। प्रारंभ में, यह पुरस्कार 5 श्रेणियों अर्थात् निर्माता, निर्देशक, अभिनेता, तकनीशियन और लेखक में दिया गया था। पुरस्कारों को अकादमी पुरस्कारों का नाम दिया गया।

ट्राफियां कैसे तैयार की जाती हैं?

अकादमी पुरस्कार की ट्रॉफी फिल्म की रील पर तलवार लिए खड़े एक योद्धा की होती है। इस ट्रॉफी के पीछे का मकसद एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में काम करने वालों को भी योद्धा जैसा महसूस कराना था। इसके लिए एमजीएम स्टूडियो के कला निर्देशक ने सबसे पहले एक योद्धा को तलवार लेकर रील पर खड़ा कर स्ट्रक्चर तैयार किया। मूर्तिकार जॉर्डन स्टेनली ने संरचना को अंतिम रूप दिया।

तांबे की कमी के कारण लकड़ी की ट्रॉफी बनाई

92.5% टिन और 7.5% तांबे से बनी सोने की परत वाली ट्रॉफी, 13 इंच लंबी और 3.85 किलोग्राम वजनी थी। पहले समारोह के दौरान 2701 पुरस्कार दिए गए। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान तांबे की कमी के कारण 1938 में एक लकड़ी की ट्रॉफी बनाई गई थी। हॉलीवुड रूजवेल्ट होटल के ब्लॉसम रूम में एक निजी पार्टी में 270 मेहमानों को आमंत्रित किया गया था। इस घटना के टिकट $ 5 पर रखे गए थे। न मीडिया, न दर्शक, न भीड़। यह सेरेमनी महज 15 मिनट में पूरी हो गई।

पहले पुरस्कार समारोह के विजेताओं की घोषणा तीन महीने पहले की गई थी। 1930 के दशक से पुरस्कारों की रात 11 बजे विजेताओं की सूची मीडिया को दी जाती रही है। लेकिन 1940 में, लॉस एंजिल्स टाइम्स ने समारोह से पहले विजेताओं की घोषणा की। तब से विजेताओं को लिफाफे में प्रकट किया गया है।

एमिल जेनिंग्स ने पहला सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार जीता

पहला सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार एमिल जेनिंग्स को दो फिल्मों ‘द लास्ट कमांड’ और ‘द वे ऑफ ऑल फ्लेश’ के लिए दिया गया। समारोह से पहले उन्हें वापस यूरोप के लिए उड़ान भरनी थी, इसलिए अकादमी ने उन्हें एडवांस में ही पुरस्कार दे दिया था। एमिल ने दो फिल्मों के लिए पुरस्कार जीता, लेकिन बाद में अकादमी ने एक नियम बनाया कि एक व्यक्ति को केवल एक ही पुरस्कार दिया जा सकता है।

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