निपाह वायरस से केरल में 2 मौतें! जानिए कितना घातक है ये वायरस और केरल में क्यों बढ़ रहे हैं मामले?

केरल में एक बार फिर निपाह वायरस ने दस्तक दे दी है। संक्रमण से दो लोगों की मौत के बाद…

निपाह वायरस

केरल में एक बार फिर निपाह वायरस ने दस्तक दे दी है। संक्रमण से दो लोगों की मौत के बाद केरल सरकार अलर्ट हो गई है। अब मृतक के परिजनों का इलाज कराया जा रहा है। ट्रांसमिशन की जांच के लिए विशेषज्ञों की एक केंद्रीय टीम केरल भेजी गई है। केरल के कोझिकोड में मौत के मामले सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट जारी कर दिया है। राज्य के चार अन्य लोगों के नमूने परीक्षण के लिए पुणे के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी में भेजे गए हैं।

निपाह वायरस क्या है और कितना घातक है?

निपाह वायरस एक जूनोटिक वायरस है, जो जानवरों से इंसानों में फैलता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मुताबिक, इसका पहला मामला 1998 में मलेशिया के एक गांव सुंगई निपाह में सामने आया था। लोगों के संक्रमित होने के बाद इस पर शोध शुरू हुआ और गांव के नाम पर इसका नाम रखा गया। पशुपालन से जुड़े लोग संक्रमित हुए। न केवल इंसानों में, बल्कि कुत्ते, बिल्ली, बकरी और घोड़ों जैसे पालतू जानवरों में भी इसका संक्रमण पाया गया।

WHO के मुताबिक इसका संक्रमण जानलेवा है। संक्रमण के बाद मरीजों की मृत्यु का जोखिम 40 से 75 प्रतिशत तक होता है। हालांकि, यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि मरीज का इलाज कितनी जल्दी किया जाता है। इस वायरस के खिलाफ अभी तक कोई टीका विकसित नहीं हुआ है। इसलिए मौजूदा दवाओं से इसके लक्षणों को नियंत्रित करने का प्रयास किया जा रहा है।

निपाह वायरस का केरल से कनेक्शन?

अगर हम निपाह वायरस के मामलों पर नजर डालें तो पाएंगे कि सबसे ज्यादा मामले केरल में सामने आए हैं। बांग्लादेश में निपाह वायरस की खोज करने वाले प्रोफेसर स्टीफन लुबी ने इसका जवाब दिया कि ऐसा क्यों है। पिछले 15 सालों से निपाह वायरस पर शोध कर रहे प्रोफेसर लुबी का कहना है कि निपाह वायरस दक्षिण एशिया में पाए जाने वाले बड़े चमगादड़ों से फैलता है। इन चमगादड़ों को फल चमगादड़ कहा जाता है क्योंकि ये फलों का रस चूसते हैं और उनसे भोजन बनाते हैं। यह भारत के दक्षिणी राज्यों में सबसे अधिक है। फिर यहां ये ज्यादा देखने को मिलता है। ये चमगादड़ निपाह वायरस फैलाने का काम करते हैं। केरल में इनकी संख्या अधिक है। इसके अलावा ये भारत के पड़ोसी देश श्रीलंका में भी पाए जाते हैं।

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