- टैकनोलजी
- October 2, 2023
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आदित्य एल1 मिशन: इसरो को मिली एक और बड़ी कामयाबी, पृथ्वी से पूरी की 9.2 लाख किमी की दूरी
आदित्य एल1 मिशन: इसरो को मिली एक और बड़ी कामयाबी, पृथ्वी से पूरी की 9.2 लाख किमी की दूरी सूर्य…
आदित्य एल1 मिशन: इसरो को मिली एक और बड़ी कामयाबी, पृथ्वी से पूरी की 9.2 लाख किमी की दूरी
सूर्य मिशन पर भेजे गए इसरो के अंतरिक्ष यान आदित्य एल1 ने सूर्य की ओर एक और कदम बढ़ा दिया है। इसरो ने शनिवार को भारत के सूर्य मिशन के बारे में बड़ी जानकारी साझा की। इसरो ने ट्वीट किया कि आदित्य-एल1 मिशन के तहत भेजा गया अंतरिक्ष यान पृथ्वी के प्रभाव क्षेत्र को सफलतापूर्वक छोड़ चुका है और 9.2 लाख किमी से अधिक की दूरी तय कर चुका है।
आदित्य-एल1 मिशन के बारे में जानकारी देते हुए इसरो ने कहा कि अंतरिक्ष यान अब सूर्य-पृथ्वी लैग्रेंज प्वाइंट 1 (एल1) की ओर बढ़ रहा है। ट्वीट में कहा गया कि यह लगातार दूसरी बार है, जब इसरो पृथ्वी के प्रभाव क्षेत्र से परे अंतरिक्ष यान भेजने में सफल रहा है। ऐसा पहली बार मार्स ऑर्बिटर मिशन के दौरान किया गया था।
गौरतलब है कि आदित्य एल-1 4 महीने में 15 लाख किलोमीटर की दूरी तय करेगा। फिर लैग्रेंज बिंदु-1 पर पहुंच जाएगा। लैग्रेंज प्वाइंट-1 वह बिंदु है, जहां सूर्य और पृथ्वी का गुरुत्वाकर्षण बल संतुलित होता है। यहां रहने के लिए किसी भी उपकरण को ज्यादा ऊर्जा की जरूरत नहीं होती। ऐसी स्थिति में, आदित्य एल-1 लगातार सूर्य की निगरानी और अध्ययन कर सकता है। इसे केवल आदित्य एल-1 में फायर करके एल-1 पर हेलो ऑर्बिट में स्थापित किया जाएगा।
आदित्य एल-1 ने डाटा एकत्र करना शुरू किया
इसरो ने बताया कि आदित्य एल-1 ने अंतरिक्ष से डाटा एकत्र करना शुरू कर दिया है। आदित्य एल-1 में लगे STEPS उपकरण के सेंसर ने पृथ्वी से 50,000 किलोमीटर से अधिक दूरी पर सुपर-थर्मल और ऊर्जा से भरे आयन और इलेक्ट्रॉनों को मापना शुरू कर दिया है। इस डाटा से वैज्ञानिकों को पृथ्वी के आसपास के कणों के व्यवहार का विश्लेषण करने में मदद मिलेगी। बता दें, आदित्य L1 को 2 सितंबर को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से लॉन्च किया गया था।
Aditya-L1 Mission:
????The spacecraft has travelled beyond a distance of 9.2 lakh kilometres from Earth, successfully escaping the sphere of Earth's influence. It is now navigating its path towards the Sun-Earth Lagrange Point 1 (L1).
????This is the second time in succession that…
— ISRO (@isro) September 30, 2023