संसद में सेंधमारी के बाद CISF संभालेगी सुरक्षा की जिम्मेदारी, जानें क्यों लिया गया फैसला और कैसी होगी सिक्योरिटी

संसद में सेंधमारी- 13 दिसंबर को लोकसभा में हुई सुरक्षा चूक की घटना के बाद केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला…

संसद में सेंधमारी- 13 दिसंबर को लोकसभा में हुई सुरक्षा चूक की घटना के बाद केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। अब संसद की सुरक्षा दिल्ली पुलिस की जगह CISF संभालेगी, जबकि संसद के अंदर की सुरक्षा की जिम्मेदारी लोकसभा सचिवालय की होगी। पुलिस बाहरी परिधि की सुरक्षा करेगी।
दिल्ली पुलिस की जगह अब सीआईएसएफ संसद की सुरक्षा संभालेगी।

गृह मंत्रालय ने इस संबंध में सीआईएसएफ को संसद परिसर का सर्वेक्षण करने के लिए कहा है। इसके बाद सीआईएसएफ कमान संभालेगी। सुरक्षा खामियों के बाद एक जांच समिति की सिफारिश के बाद ऐसा किया गया है। गृह मंत्रालय द्वारा बुधवार को जारी अधिसूचना में कहा गया है कि पिछले हफ्ते की सुरक्षा उल्लंघन के बाद अब संसद की सुरक्षा केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल यानि सीआईएसएफ द्वारा की जाएगी।

सीआईएसएफ एजेंसी प्रभारी के तौर पर दिल्ली पुलिस की जगह लेगी और आगंतुकों का पता लगाने समेत सभी जिम्मेदारियां संभालेगी। संसद के अंदर की सुरक्षा अब सीआईएसएफ के जिम्मे होगी। वहीं पुलिस बाहरी परिधि की सुरक्षा करती रहेगी। यह परिवर्तन विभिन्न एजेंसियों को एक-दूसरे के रास्ते में आने की अनुमति देने के बजाय प्रोटोकॉल को सुव्यवस्थित करने के प्रयास में किया गया है।

जूते का सोल काटकर धुआं बम रखा था

आपको बता दें कि CISF संवेदनशील सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को एकीकृत सुरक्षा कवर प्रदान करता है। वर्तमान में यह दिल्ली मेट्रो, हवाई अड्डों, बंदरगाहों और परमाणु सुविधाओं सहित 350 से अधिक ऐसे स्थानों की सुरक्षा करता है। 13 दिसंबर को दो लोग एक भाजपा सांसद के कार्यालय से जारी पास के माध्यम से लोकसभा की Visitors Gallery में पहुंचे और चैंबर के अंदर एक धुआं बम फेंक दिया। दिल्ली पुलिस की जांच के बाद पता चला कि उसके जूते का सोल काटकर उसे पकड़ा गया था।

पीएम मोदी ने भी सुरक्षा पर जताई चिंता

संसद में सेंधमारी- इस घटना के बाद संसद की सुरक्षा पर सवाल खड़े हो गए हैं। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद की सुरक्षा को लेकर संवेदनशीलता से विचार करने की अपील की। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने यह भी कहा कि संसद की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए हर जरूरी कदम उठाया जाएगा। इस पूरी घटना पर बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है। विपक्ष ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार से जवाब की मांग की है। इसके बाद से यह विवाद एक कड़वे राजनीतिक गतिरोध में बदल गया है और 146 विपक्षी सांसदों को संसद के इस सत्र से निलंबित कर दिया गया है।

घटना संसद हमले की 22वीं बरसी पर हुई

घटना के बाद, लोकसभा सचिवालय ने आगंतुकों और गैर-जरूरी कर्मचारियों को छोड़कर संसद परिसर में प्रवेश के लिए एक सख्त प्रोटोकॉल की घोषणा की है। सांसदों और उनके कर्मचारियों के लिए एक अलग प्रवेश द्वार आवंटित किया गया था।

इसके अलावा, यह निर्णय लिया गया है कि लोगों को हाउस चैंबर में कूदने से रोकने के लिए दर्शक दीर्घा को कांच से ढंक दिया जाएगा और हवाई अड्डों की तरह बॉडी स्कैन मशीनें लगाई जाएंगी। पिछले हफ्ते पुराने संसद भवन पर हमले की 22वीं बरसी पर सुरक्षा में चूक देखी गई, जिसमें आतंकवादियों ने 9 लोगों की हत्या कर दी।

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