करारी हार के बाद कमलनाथ ने प्रदेश अध्यक्ष पद से दिया इस्तीफा! विधानसभा चुनाव में फेल हुई उनकी रणनीति

कांग्रेस की मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में हार के बाद प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ की इस्तीफे की खबरें आई है। सूत्रों…

कमलनाथ

कांग्रेस की मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में हार के बाद प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ की इस्तीफे की खबरें आई है। सूत्रों के मुताबिक, उन्हें पार्टी ने प्रदेश अध्यक्ष पद छोड़ने के लिए कहा है। गौरतलब है कि लंबे समय से कमलनाथ मध्यप्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष थे। साथ ही पार्टी की तरफ से वो मुख्यमंत्री के भी चेहरे थे। हालांकि कांग्रेस पार्टी को मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में बड़ी हार का सामना करना पड़ा। रविवार को जारी चुनाव परिणाम में बीजेपी को 163 सीटें और कांग्रेस को सिर्फ 66 सीटों पर ही जीत मिली। इस चुनाव में बीजेपी को 57 सीटों का लाभ मिला।

कांग्रेस के अभियान का नेतृत्व करने वाले कमलनाथ ने राज्य में पार्टी के निराशाजनक प्रदर्शन की जिम्मेदारी लेते हुए कहा था कि वे इस बात पर गौर करेंगे कि हम मतदाताओं से संवाद क्यों नहीं कर सके। हालांकि वे अभी तक प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा नहीं दिया है और न ही पार्टी ने उनसे इस्तीफे की मांग की है। वे अभी भी इस पद पर बने हुए हैं।

नहीं हुई कमलनाथ की रणनीति कामयाब

कमलनाथ ने भाजपा के हिंदू विरोधी आरोप का जवाब देने के लिए साधुओं से मुलाकात की और देवताओं की मूर्तियां बनवाईं। चुनावों से पूर्व, “धार्मिक और उत्सव प्रकोष्ठ” के गठन के साथ ही पार्टी के धार्मिक कार्यक्रमों की मात्रा बढ़ गई। हालांकि न केवल मुसलमानों में, बल्कि अन्य पिछड़े वर्गों में भी इसकी तीखी प्रतिक्रिया सामने आई। लोगों ने इसे जातिगत भेदभाव के रूप में देखा। गौरतलब है कि कमलनाथ का सॉफ्ट हिंदुत्व का प्रयोग असफल रहा।

हार के कारणों पर कांग्रेस ने की चर्चा

पार्टी की हार के कारणों पर वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह, सुरेश पचौरी और अन्य लोगों ने उम्मीदवारों के साथ चर्चा की। प्रदेश कांग्रेस के मीडिया सेल के प्रमुख ने कहा कि कांग्रेस ने मंगलवार को विधानसभा चुनाव लड़ने वाले सभी 230 उम्मीदवारों की एक बैठक बुलाई थी और इसमें हार के कारणों पर चर्चा की गई।

सहयोगी दलों ने कांग्रेस की करारी हार के बाद उठाए सवाल

मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तिसगढ़ के विधानसभा चुनावों में बीजेपी की प्रचंड जीत ने कांग्रेस के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। देश में कांग्रेस 3 राज्यों (कर्नाटक, हिमाचल और तेलंगाना) तक सिमटकर रह गई है। बता दें कि, बुधवार यानी 6 दिसंबर को विपक्षी गठबंधन की चौथी बैठक हुई।

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