राजस्थान में अद्भुत फर्जीवाड़ा! ‘भालू-शेर’ के नाम पर जारी किया गया पेंशन, घोटाले से उठ रहा पर्दा

राजस्थान के झुंझुनूं में पेंशन पाने के लिए जन आधार कार्ड में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। झुंझुनूं में 10…

राजस्थान में अद्भुत फर्जीवाड़ा

राजस्थान के झुंझुनूं में पेंशन पाने के लिए जन आधार कार्ड में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। झुंझुनूं में 10 दिन में 3 से 4 ऐसे मामले सामने आए हैं, जिनमें एक दर्जन से ज्यादा नामों पर फर्जीवाड़ा कर पेंशन निकाली गई। चौंकाने वाली बात यह है कि ये सभी फर्जीवाड़े एक ही कार्यालय से किए गए हैं। यहां से दो जन आधार कार्ड बरामद हुए हैं, जिनमें 16 फर्जी नाम लगे हुए हैं। दोनों कार्ड दो स्तरों पर बिना जांच के जारी कर दिए गए।

आम तौर पर जन आधार कार्ड में सत्यापन के तीन स्तर होते हैं। यदि व्यक्ति शहरी क्षेत्र से है तो पहले नगर परिषद, फिर एसडीएम कार्यालय और फिर जयपुर जिलाधिकारी कार्यालय से सत्यापन के बाद जन आधार कार्ड जारी किया जाता है। अब सवाल यह है कि संबंधित अधिकारियों ने बिना जांच किए दो स्तरों पर जन आधार कार्ड कैसे जारी कर दिया? जबकि जन आधार कार्ड में नाम जोड़ने की प्रक्रिया त्रिस्तरीय है।

केस नंबर एक

झुंझुनूं की कल्पना आनंदपुरा के जन आधार कार्ड में 16 नाम जोड़े गए, जिसमें भालू, शेर, पांडा और फूल को सदस्य बनाया गया। इसमें पेंशन पाने के लिए उदयपुर और प्रतापगढ़ जिले के 15 पीपीओ नंबर जोड़े गए। इस कार्ड में भी जिला स्तरीय अधिकारियों की लापरवाही उजागर हुई। 16 मई 2023 को कार्ड में कल्पना नामक फूल का फोटो लगाकर फर्जी नाम जोड़ा गया, जो बिना तीनों स्तर पर जांच के जारी कर दिया गया। इसके बाद 8 अगस्त को शेर, भालू, फूल, पांडा की फोटो के साथ 15 नाम जोड़ने की कोशिश की गई।

केस नंबर दो

24 अगस्त को झुंझुनू के वार्ड नंबर 1 की रहने वाली नूर बानो मोंघवारी राहत शिविर में रजिस्ट्रेशन कराने पहुंचीं। जैसे ही कर्मचारी ने जन आधार कार्ड देखा तो वह दंग रह गया। जन आधार कार्ड में 16 फर्जी नाम जोड़े गए। कार्ड तो मुस्लिम महिला का था लेकिन नाम हिंदू व्यक्ति से जुड़ा था। इन सभी में पेंशन पीपीओ नंबर जोड़े गए, जो सभी उदयपुर जिले के थे। यह भी नगर परिषद व उपखण्ड कार्यालय से बिना जांच के जारी कर दिया गया।

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