baasmati chawal ki pehchaan – बासमति चावल के लिए भारत में पहली बार तय किए गए मानक। असली और नकली की पहचान करना हुआ आसान।

baasmati chawal ki pehchaan kaise kare- बासमति चावल के लिए भारत में पहली बार तय किए गए मानक। असली और…

baasmati chawal ki pehchaan kaise kare- बासमति चावल के लिए भारत में पहली बार तय किए गए मानक। असली और नकली की पहचान करना हुआ आसान।

baasmati chawal ki pehchaan – भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण ने ग्राहको को मिलावटी बासमती चावल से बचाने के लिए बडा कदम उठाया है। पहली बार एफएसएसएआइ ने बासमती चावल के लिए स्टैंन्डर्ड यानी क्वालिटी पैरामिटर जारी किए है। जो पूरे देश मे 1 अगस्त 2023 से लागु किए जाएंगे।

एफएसएसएआइ के इस कदम को सही बताते हुए केंन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॅा.मनसुख मांडविया ने कहा कि, बासमती चावल से जुडे व्यापार एवं उपभोक्ता हितो की रक्षा हेतु एफएसएसएआइ ने इसके कंप्रेहेंसिव रेगुलेटरी स्टैन्डर्ड को अधिसूचित किया है । इस निर्णय से नकली बासमती चावल,आर्टिफिशियल पॅालिश एवं आर्टिफिशियल रंग से उपभोक्ता को मुक्ति मिलेंगी।

स्टैंडर्ड क्वालिटी पैरामिटर में ब्राउन बासमती चावल, मिल्ड बासमती चावल , उसना भूरा बासमती, और मिल्ड उसना बासमती चावल शामिल है। नए मानको में बासमती चावल में प्राकृतिक सुगंध विशेषता होनी चाहिए। अब से चावल की प्राकृतिक सुगंध ही उसकी असली पहचान होंगी। जिसके अनुसार आर्टिफिशियल पॅालिश एवं आर्टिफिशियल सुगंधो , पोलिशिंग एजेंट से भी मुक्त होना चाहिए। इसका उद्देश्य बासमती चावल के व्यापार में सुधार लाना और घरेलु एवं वैश्विक स्तर पर उपभोक्ता हितो की रक्षा करना है।

बासमती चावल जो एक चावल की किस्म है। जो कि हिमालय की तलहटी में खेती द्वारा पैदा की जाने वाली प्रीमियम किस्म है। जो अपने आकार , बनावट, सुगंध और स्वाद के लिए जाना जाता है। अपनी अनूठी गुणवत्ता और विशेषताओ के कारण यह चावल घरेलु एवं विश्व स्तर पर खपत होने वाला चावल है। और इसकी वैश्विक आपूर्ति में भारत की दो तीहाई हिस्सेदारी है।

प्रीमियम गुणवत्ता वाला चावल होने तथा गैर-बासमती किस्मो की तुलना में इसकी अधिक किंमत होने के कारण आर्थिक लाभ के लिए बासमती चावल में मिलावट की जाती है। घरेलु और निर्यात बाजारों में स्टैंडर्डाइज्ड असली बासमती चावल की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए एफएसएसएआइ ने बासमती चावल के लिए नियामक मानको को अधिसूचित किया है। यह मानक संबंधित सरकारी विभागो व एजेंसियों एवं अन्य हितधारको के साथ व्यापक विचार-विमर्श करके तैयार किए गए है।

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