- स्वास्थ्य
- February 3, 2023
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भारत में निर्मित दवा के चलते अमेरिका में संक्रमण फैल रहा अमेरिका के स्वास्थ अधिकारियों का दावा
हाल में ही स्वास्थ्य अधिकारियों ने अमेरिका के लोगों से को हिदायत दी है कि वो आंख में डाले जाने…
हाल में ही स्वास्थ्य अधिकारियों ने अमेरिका के लोगों से को हिदायत दी है कि वो आंख में डाले जाने वाले एक खास दवा का इस्तेमाल करना तुरंत से बंद कर दे। ये दवा तरह के इंफेक्शन के लिए जिम्मेदार है।और ये दवा भारत में निर्मित की गई इसकी आशंका जताई गई है।
भारत में निर्मित एक दवा अब विवादों में है। गौरतलब है कि ये मामला अमेरिका का है। जहां के सेंटर ऑफ़ डिजीज कंट्रोल और प्रिवेंशन नामक विभाग के लोगों का दावा है कि वे एजरीकेयर आर्टिफिशियल टियर्स नाम की आई ड्रॉप का इस्तेमाल करना तुरंत से बंद कर दें। लोगों के बीच इंफेक्शन फैलने के चलते ये फैसला लिया गया है।आपको बता दें कि इस इंफेक्शन के चलते अब तक 55 से अधिक लोग पीड़ित हो चुके हैं ।वही एक व्यक्ति की जान भी जा चुकी है।
जांचकर्ताओं का कहना है कि 12 राज्यों में फैले इस संक्रमण का प्रभाव रक्त ,पेशाब यहां तक कि फेफड़ों पर भी पड़ रहा है।तमाम मरीजों का कहना है कि उन्होंने एजरीकेयर नामक नाम की दवा का उपयोग किया था।ये किसी भी केमिस्ट से डॉक्टर के बगैर पर्ची के भी खरीदी जा सकती है।ये दवा असल में एक लुब्रिकेंट है, जोकि आंखों में खुजली और ड्राइनेस को ठीक करने के लोग लेते है।
इसके चलते लोगो को इन्फेक्शन हो रहा। इस आई ड्रॉप के चलते लोग जिस बीमारी की गिरफ्त में आ रहे है वो सूडोमोनास ऑरूजिनोसा नाम के बैक्टीरिया का बैक्टीरिया है।जांचकर्ताओं को एजरीकेयर की खुली बोतलों में ये बैक्टीरिया मिला है।वही अब इसकी जांच की जा रही है कि बोतलों में मिले इस बैक्टीरिया ने ही लोगों को बीमार किया है या फिर संक्रमण की वजह कुछ और है।
वही इस बारे में एजरीकेयर ने दलील दी है कि उन्हें ऐसे किसी सबूत की जानकारी जरा भी नहीं है जो कि संक्रमण और दावा के बीच कहीं से भी संबंध स्थापित करता हो।हालांकि कंपनी ने अपनी तरफ से दवा को बाजार में भेजना बंद कर दिया है। वही अपनी वेबसाइट पर एक नोटिस चस्पा लगाकर लोगों को इस्तेमाल ना करने के लिए कहा है।