भारत की इस तकनीक को अपनाने की फिराक में था पाकिस्तान, US-CHINA हो चुके हैं फेल, जानें डिटेल

यूपीआई को बैंकिंग की दुनिया में एक बड़े बदलाव के रूप में देखा जा रहा है। पेमेंट करने का ये…

india techniqueयूपीआई को बैंकिंग की दुनिया में एक बड़े बदलाव के रूप में देखा जा रहा है। पेमेंट करने का ये खास माध्यम इस कदर लोगों को भा रहा है कि भारत के अलावा पड़ोसी देश भूटान, श्रीलंका, यूएई जैसे कई देशों में भी इसके माध्यम से ही पेमेंट करना शुरू हो गए हैं। भारत में ये इतना लोकप्रिय है कि आज हर किसी के फोन में यूपीआई के पेमेंट से जुड़े कई ऐप्स मौजूद है।

यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस को शॉर्ट में UPI के नाम से जानते हैं। UPI के जरिए पेमेंट करने की अनूठी पहल भारत की ओर की गई थी। इस लिहाज से ये पूरी तरह भारतीय उत्पाद है, जिसका इस्तेमाल पूरी दुनिया कर रही है। वहीं बैंकिंग के क्षेत्र में इसे बड़े बदलाव के रूप में देखा जा रहा है। भारतीय नागरिक इस पेमेंट माध्यम के पूरी तरह से मुरीद हैं, लेकिन अब कई देशों ने भी UPI के जरिए पेमेंट करना शुरू कर दिया है।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका और चीन भी भारत की यूपीआई सिस्टम से आकर्षित है। ऐसा माना जा रहा है कि अमेरिका का अपना यूपीआई सिस्टम कामयाब नहीं हो पाया, क्योंकि वहां के नागरिक इस आधुनिक तकनीकी से पैसे ट्रांसफर के सिस्टम को इस्तेमाल नहीं कर पा रहे थे। मीडिया रिपोर्ट के दावे के अनुसार पड़ोसी देश पाकिस्तान भी UPI पेमेंट सिस्टम को अपनाने को तैयार है, लेकिन पाकिस्तान सरकार सुरक्षा कारणों से इसका इस्तेमाल नहीं कर रही।

UPI से जुड़ी अहम बातें

मालूम होगा कि 2016 में यूपीआई प्लेटफार्म को लांच किया गया था। नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) को इसे बनाने का श्रेय दिया जाता है। वहीं इसे RBI की निगरानी में लागू किया गया। ये एक तरह की फ्री ऑफ कॉस्ट सर्विस है। भारत में PhonPe, Paytm, Google Pay जैसे ऐप पर UPI पेमेंट गेटवे प्लेटफॉर्म उपलब्ध है। वहीं इसके जरिए पेमेंट किए गए आंकड़ों को देखें तो 2021 के दिसंबर में 12.82 लाख करोड़ रुपए का यूपीआई पेमेंट किया गया था।

पीएम मोदी भी कर चुके हैं तारीफ

देश के पीएम मोदी ने भी UPI पेमेंट माध्यम की प्रशंसा की है। वहीं हाल में एक शख्स ने दर्जी के पास यूपीआई पेमेंट से जुड़ी एक पोस्ट ट्विटर पर शेयर की थी, जिसे रिट्वीट करते हुए पीएम मोदी ने कहा था कि ये पूरे भारत के लिए बेहद एक आम दृश्य है। हमारे देश के नागरिकों ने तकनीकी और नवाचार को अपनाने में उल्लेखनीय रूप से निपुणता दिखाई है।

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