ब्लैक गोल्डः चारों तरफ सीसीटीवी कैमरे, 24 घंटे निगरानी, ​​फिर मिलता है ‘काला सोना’

राजस्थान की रियासत को ‘ब्लैक गोल्ड’ के लिए भी जाना जाता है। ऐसी फसल की पूरी दुनिया में मांग है।…

राजस्थान की रियासत को ‘ब्लैक गोल्ड’ के लिए भी जाना जाता है। ऐसी फसल की पूरी दुनिया में मांग है। सरकार से खेती के लाइसेंस के साथ खेत लगाना और उसकी देखभाल करना इतना जोखिम भरा है कि एक आम किसान के लिए इसमें उद्यम करना मुश्किल है। क्या है ये ‘काला सोना’ इतना कीमती, आइए जानें…

अफीम की फसल को ‘काला सोना’ कहा जाता है। इस खेती के लिए सरकार से लाइसेंस लेना पड़ता है। अफीम उत्पादन में चित्तौड़गढ़ जिला अव्वल है। कनेरा, निम्बाहेड़ा, कपासन और रश्मी सहित विभिन्न क्षेत्रों में बड़ी संख्या में अफीम का उत्पादन किया जाता है।

Black gold
सीसीटीवी कैमरों से रखी जाती है नजर

अफीम बहुत महंगी है। इसकी न केवल चित्तौड़ में, बल्कि पूरे देश में बड़े पैमाने पर तस्करी की जाती है। अफीम तस्करों के बारे में कई खबरें आती रहती हैं। चित्तौड़ जिले के किसान अपनी फसल को बचाने के लिए तरह-तरह के प्रयास कर रहे हैं। हाईटेक दौर में अफीम के खेतों पर सीसीटीवी कैमरों से भी नजर रखी जा रही है।

अफीम की फसल एक ओर जहां किसानों के लिए वरदान है, वहीं दूसरी ओर इसे बचाना बड़ी चुनौती है। अफीम किसानों के लिए इसकी रक्षा करना किसी अग्नि परीक्षा से कम नहीं है। वर्तमान में अफीम की फसल में चिरई व लुवाल का दौर चल रहा है। अफीम की फसल में लगे डोडो से चीरा लगाकर दूध निकाला जा रहा है। यह दूध गाढ़ा होकर अफीम में बदल जाता है।

तस्करों की फसल पर नजर

चित्तौड़गढ़ में किसान अपने अफीम के खेतों को जाल और बाड़ से सुरक्षित कर रहे हैं, लेकिन तस्करों की उन पर नजर है। लुवारी की आहट के साथ ही इस क्षेत्र में खेतों से डोड चोरी की घटनाएं भी बढ़ गई हैं। ऐसे में किसान दिन में अफीम की फसल में चीरा लगाकर अफीम जमा कर रहे हैं। खेतों पर नाइट वॉच के साथ ही सीसीटीवी से भी नजर रखी जा रही है।

बुवाई का लाइसेंस रद्द होने का खतरा

केंद्र सरकार द्वारा अफीम नीति में निर्धारित नियमों के अनुसार अफीम की फसल के उत्पादन के साथ-साथ अफीम की राशि भी नारकोटिक्स विभाग में जमा करानी होती है। यदि किसी कारणवश फसल जमा नहीं होती है तो सरकार अगले वर्ष के लिए अफीम लगाने का लाइसेंस रद्द कर देती है। ऐसे में किसानों के आर्थिक लाभ के लिए फसल उनके घर और बाद में विभाग सुरक्षित पहुंचे, इसके लिए जी-जान से काम कर रहे हैं।

Related post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *