CAA का फायदा अपने हित में उठाना चाहता है चीन, अब बांग्लादेश से निकटता बढ़ाने की फिराक में

चीन ने नेपाल और श्रीलंका जैसे देशों को निशाना बनाने के बाद अब बांग्लादेश पर ध्यान देना शुरू कर दिया…

caaचीन ने नेपाल और श्रीलंका जैसे देशों को निशाना बनाने के बाद अब बांग्लादेश पर ध्यान देना शुरू कर दिया है। बांग्लादेश में चीनी प्रभाव के बारे में बात करते हुए एक अधिकारी ने बताया कि भारत का पड़ोसी देश चीन हर स्थिति में भारत और उसके पड़ोसी देशों पर अपनी पैठ जमाना चाहता है और इसके लिए वो CAA-NRC जैसे खास मुद्दों को भुनाने की तमाम कोशिशें कर रहा है। चीन की बढ़ती आर्थिक और सैन्य शक्ति भारत के अपने पड़ोसियों पर हावी होने का एक प्रमुख कारण है। वहीं एनआरसी और सीएए जैसे मुद्दों के चलते भारत और उसके पड़ोसी देशों के बीच एक बड़ा फासला पैदा हो गया है। चीन इस दीवार का अपने फायदे के लिए इस्तेमाल कर अपना प्रभाव बढ़ाने में जुटा है।

सीएए का फायदा अपने हित में चाहता है चीन

इसकी जानकारी हाल में ही संपन्न हुए एक सम्मेलन के दौरान आईपीएस अधिकारियों, डीजीपी और आईजीडीपी जैसे आला अधिकारियों ने दी है। इंटेलिजेंस ब्यूरो द्वारा आयोजित इस खास सम्मेलन में देशभर के शीर्ष पुलिस अधिकारियों समेत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने हिस्सा लिया। वहीं पूर्वोत्तर के एक आईजी रैंक के अधिकारी का कहना था कि नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स और नागरिकता संशोधन अधिनियम को लेकर विरोध ने असल में चीन और बांग्लादेश में प्रवेश के सभी रास्ते खोल दिए हैं। एक अन्य अधिकारी का कहना था कि भारत ने अपने पड़ोसी देशों के साथ बिग ब्रदर एटीट्यूड के कारण नेपाल को अलग-थलग कर दिया है।

भारत के पड़ोसी देशों को भड़का रहा चीन

इस सम्मेलन के दौरान पड़ोस में चीनी प्रभाव और भारत के निहितार्थ विषय के अंतर्गत करीब एक दर्जन से अधिक पत्र पेश किए गए। ज्यादातर अधिकारियों ने तर्क पेश किया कि एक ओर चीन के आर्थिक और सैन्य विस्तार के चलते भारत के पड़ोसियों के साथ उसके संबंधों पर असर पड़ने की संभावना है। वहीं दूसरी ओर चीन खुद भी इन देशों को भारत के खिलाफ करने की तमाम कोशिशों में लगा हुआ है।

बांग्लादेश से निकटता बढ़ा रहा चीन

बांग्लादेश में चीनी प्रभाव के बारे में जिक्र करते हुए एक पेपर में कहा गया कि नेपाल और श्रीलंका जैसे भारत के पड़ोसियों को निशाने पर लेने के बाद चीन ने अब बांग्लादेश की ओर ध्यान केंद्रित करना शुरू कर दिया है। वहीं CAA के प्रभाव पर बल देते हुए पेपर ने कहा कि बांग्लादेश इस आशंका में है कि भारत एनआरसी के अंतर्गत सभी अवैध विदेशियों को बांग्लादेश भेज देगा। सीएए पारित करने के तत्काल बाद चीन ने अपने शुल्क मुक्त और कोटा मुक्त कार्यक्रम के अंतर्गत चीन को बांग्लादेश के 97% निर्यात की अनुमति प्रदान की है।

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