कूनो पार्क में लगातार हो रही चीतों की मौत, साशा-उदय के बाद अब मादा तेंदुआ दक्षा की मौत

दक्षिण अफ्रीका के एक चीते ‘दक्षा’ का कूनो पार्क के अंदर दूसरे चीते से झगड़ा हो गया जिसमें दक्षा की…

दक्षिण अफ्रीका के एक चीते ‘दक्षा’ का कूनो पार्क के अंदर दूसरे चीते से झगड़ा हो गया जिसमें दक्षा की जान चली गई है। मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में दक्षिण अफ्रीका से लाए गए एक और चीते की मौत हो गई है। मादा चीता दक्षा की जान चली गई है। कूनो पार्क में एक और तेंदुए से लड़ाई में दक्षा की मौत हो गई है। दक्षिण अफ्रीका और नामीबिया से लाया गया यह तीसरा चीता है जिसकी मौत हुई है।

Continuous death of cheetahs in Kuno Park
इससे पहले ‘उदय’ का निधन हुआ था

इससे पहले कूनो नेशनल पार्क में उदय नाम के नर तेंदुए की मौत हो गई थी। इससे पहले भी मादा चीता ‘शासा’ की मौत हो चुकी थी। शासा की तबीयत खराब होने के कारण मौत हो गई। नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से 20 चीतों को कूनो राष्ट्रीय उद्यान में लाया गया था, जिनमें से अब 17 जीवित हैं।

चीतों को जंगल भेजने की तैयारी

कूनो नेशनल पार्क के सूत्रों ने बताया कि जून के अंत तक दक्षिण अफ्रीका से लाए गए चीतों को सुरक्षित बाड़े से बाहर खुले जंगल में ले जाने की तैयारी कर ली गई है। मध्य प्रदेश वन्यजीव प्राधिकरण 70 साल पहले भारत में विलुप्त हो चुके चीतों के पुनर्वास के प्रयासों के तहत मध्य प्रदेश कूनो राष्ट्रीय उद्यान के खुले क्षेत्रों में उनके सुरक्षित बाड़े से पांच और तेंदुओं को छोड़ने के लिए तैयार है।

साशा की पहले ही मौत हो चुकी थी

नामीबिया से भारत लाई गई मादा चीता साशा की मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में मौत हो गई है। यहां वह पिछले तीन माह से बीमार चल रही थी। जानकारी के अनुसार मादा चीता साशा किडनी में संक्रमण और डायरिया से पीड़ित थी। इसके साथ ही उनके शरीर में पानी की कमी हो गई थी। बता दें कि 17 सितंबर 2022 को 8 तेंदुए नामीबिया से कूनो नेशनल पार्क लाए गए थे। जिनमें से पांच मादा और तीन नर चीते शामिल हैं।

तेंदुए को विशेष बाड़े में छोड़ा गया

प्रधानमंत्री मोदी के 72वें जन्मदिन 17 सितंबर, 2022 को कूनो नेशनल पार्क में एक विशेष बाड़े में नामीबिया से आए तेंदुओं को छोड़ा गया था। इस विशेष बाड़े में तीन मादा चीतों साशा, सवाना और सिया को छोड़ा गया था। इनकी उम्र 2 से 5 साल थी। प्रधानमंत्री मोदी ने कैमरे में उनकी तस्वीर कैद की। आपको बता दें कि साल 1952 में भारत से चीता विलुप्त हो गया था।

Related post

9 चीतों की मौत के बाद संकट में मोदी सरकार का ‘प्रोजेक्ट चीता’, जानिए क्यों?

9 चीतों की मौत के बाद संकट में मोदी…

दक्षिण अफ्रीका और नामीबिया के वन्यजीव विशेषज्ञों ने केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना ‘प्रोजेक्ट चीता’ पर सवाल उठाए हैं। इन देशों…
प्रोजेक्ट चीता को सफल करने का मिला उपाय, कम उम्र के चीते लाने की एक्सपर्ट्स ने दी सरकार को सलाह

प्रोजेक्ट चीता को सफल करने का मिला उपाय, कम…

मध्यप्रदेश के कूनो में मार्च महीने से अब तक कुल 9 चीतों की मौत होने से देश के प्रोजेक्ट चीता पर…
कूनो नेशनल पार्क में चीता की मौत का सिलसिला जारी, अब नर तेंदुए तेजस की मौत

कूनो नेशनल पार्क में चीता की मौत का सिलसिला…

मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में चीता की मौत का सिलसिला लगातार जारी है। कूनो नेशनल पार्क में मंगलवार को…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *