मनी लॉन्ड्रिंग केस में ED ने शुरू की राजस्थान में 25 से अधिक जगहों पर छापेमारी, जानें क्या है मामला

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने राजस्थान के तकरीबन 25 से अधिक जगहों पर छापेमारी शुरू की है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक,…

राजस्थान में छापेमारी

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने राजस्थान के तकरीबन 25 से अधिक जगहों पर छापेमारी शुरू की है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक, ये छापेमारी जल जीवन मिशन घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग केस के संबंध में की जा रही है। बता दें कि जांच एजेंसी ने दौसा एवं जयपुर में 25 से अधिक जगहों पर छापेमारी की है। गौरतलब है कि जिन अधिकारियों के घरों पर ED ने छापेमारी की है उनमें से एक अधिकारी पीएचई विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुबोध अग्रवाल का भी घर शामिल हैं। ईडी अधिकारी इस मामले से जुड़े अन्य स्वास्थ्य अधिकारियों की जांच भी कर रहे हैं।

राजस्थान में आचार संहिता लागू होने के बाद से ही ईडी की कार्रवाई जारी है। ईडी ने जल जीवन मिशन घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में कार्रवाई करते हुए कुछ मंत्रियों एवं IAS के परिसर सहित कई अन्य स्थानों पर छापेमारी की है। इन स्थानों में मंत्री महेश जोशी का दफ्तर भी शामिल है। धन शोधन निवारण अधिनियम के प्रावधानों के तहत इस मामले से जुड़े कुछ अन्य लोगों के खिलाफ भी कार्रवाई की जा रही है। बता दें कि सितंबर में भी केंद्रीय एजेंसी ने इस मामले में इसी तरह छापेमारी की थी।

20 हजार करोड़ रुपये के घोटाले के आरोप

जल जीवन मिशन में सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने 20,000 करोड़ रुपए के घोटाले का आरोप लगाया था। मीणा ने जून महीने में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि प्रधानमंत्री ने 2019 में बजट में घोषणा की थी कि शुद्ध जल हर घर तक पहुंचाना है। राज्य सरकार ने हर घर जल, हर घर नल में करोड़ों रुपए दिए, लेकिन सरकार हर घर नल पहुंचाने में असफल रही। इसमें हजारों करोड़ों का घोटाला हुआ। इस मामले में 20,000 करोड़ का मोटा-मोटा खेल हुआ है।

अधिकारियों को दिए गए थे रिश्वत

दरअसल यह मामला राजस्थान भ्रष्टाचार रोधी ब्यूरो की प्राथमिकी से जुड़ा है। पदमचंद जैन सहित निजी ठेकेदारों एवं अन्य के खिलाफ अवैध सुरक्षा हासिल करने, टेंडर हासिल करने एवं बिलों को मंजूरी देने और कॉन्ट्रेक्ट से जुड़े अनियमितताओं को छिपाने के लिए अधिकारियों को रिश्वत देने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। सार्वजनिक स्वास्थ्य एवं इंजीनियरिंग विभाग के अधिकारियों को इन सभी ने रिश्वत दी थी। इसके बाद ईडी ने जल जीवन मिशन से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जांच शुरू की थी।

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