पाकिस्तान में इस साल नहीं होंगे आम चुनाव, चुनाव आयोग ने देरी के पीछे बताई ये वजह

पाकिस्तान में इस साल नहीं होंगे आम चुनाव, चुनाव आयोग ने देरी के पीछे बताई ये वजह पाकिस्तान की नेशनल…

पाकिस्तान में इस साल नहीं होंगे आम चुनाव, चुनाव आयोग ने देरी के पीछे बताई ये वजह

पाकिस्तान में इस साल नहीं होंगे आम चुनाव, चुनाव आयोग ने देरी के पीछे बताई ये वजह
पाकिस्तान की नेशनल असेंबली 9 अगस्त को भंग कर दी गई। आम तौर पर जब किसी देश की नेशनल असेंबली को भंग किया जाता है, तो यह 90 दिनों की निश्चित समय सीमा के भीतर होना चाहिए। हालांकि, चुनाव आयोग के इस आश्वासन को देखते हुए इस बार यह संभव नहीं लग रहा है। पाकिस्तानी राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने अगस्त के मध्य में नए चुनाव होने तक अनवर-उल-हक को कार्यवाहक प्रधान मंत्री नियुक्त किया।

पाकिस्तान चुनाव आयोग ने गुरुवार को स्पष्ट किया है कि इस साल देश में आम चुनाव नहीं होंगे। चुनाव आयोग ने पाकिस्तान के राजनीतिक दलों को आश्वासन दिया है कि आम चुनाव जनवरी के अंत या फरवरी के मध्य में होंगे। चुनाव आयोग की इस घोषणा के बाद नकदी संकट से जूझ रहे देश में चुनाव को लेकर आशंकाएं दूर हो गई हैं।

आम चुनाव को लेकर आयोग से मुलाकात

समाचार एजेंसी पीटीआई ने डॉन अखबार के हवाले से खबर दी है कि अवामी नेशनल पार्टी (एएनपी) के कुछ नेताओं ने आम चुनाव को लेकर आयोग से मुलाकात की। बैठक के दौरान ही चुनाव आयोग ने एएनपी नेताओं को अगले साल जनवरी के मध्य या फरवरी में चुनाव कराने का आश्वासन दिया है। बैठक में पाकिस्तान के मुख्य चुनाव आयुक्त सिकंदर सुल्तान राजा और कई अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

अनवर-उल-हक कार्यवाहक प्रधानमंत्री नियुक्त

पाकिस्तान की नेशनल असेंबली 9 अगस्त को भंग कर दी गई। आम तौर पर जब किसी देश की नेशनल असेंबली को भंग किया जाता है, तो यह 90 दिनों की निश्चित समय सीमा के भीतर होना चाहिए। हालांकि, चुनाव आयोग के इस आश्वासन को देखते हुए इस बार यह संभव नहीं लग रहा है। पाकिस्तानी राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने अगस्त के मध्य में नए चुनाव होने तक अनवर-उल-हक को कार्यवाहक प्रधानमंत्री नियुक्त किया।

चुनाव में देरी के पीछे क्या है वजह?

चुनाव आयोग ने नई जनगणना के आधार पर निर्वाचन क्षेत्रों का फिर से परिसीमन करने का फैसला किया है, जिससे आम चुनाव में देरी हो रही है। चुनाव आयोग के साथ बैठक के दौरान एएनपी नेताओं ने अनुरोध किया कि यदि 90 दिनों में चुनाव कराना संभव नहीं है, तो उन्हें अधिक विवरण और कार्यक्रम बताया जाना चाहिए। एक दिन पहले पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) ने भी आगामी चुनावों पर अनिश्चितता खत्म करने के लिए इसी तरह की मांग की थी।

चुनाव आयोग से मुलाकात के बाद क्या बोले नेता?

मुख्य चुनाव आयुक्त से मुलाकात के बाद हुसैन ने कहा कि चुनाव आयोग ने उन्हें फरवरी के मध्य में चुनाव कराने की तैयारी का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग ने परिसीमन की प्रक्रिया में तेजी लाने का आश्वासन दिया है। आपको बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को सत्ता से हटाने के बाद पाकिस्तान में पिछले एक साल से राजनीतिक उथल-पुथल मची हुई है।

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