हिमाचल में ढहने लगीं पहाड़ियां, 267 लोगों के घर पूरी तरह नष्ट, अब तक 330 की मौत

हिमाचल प्रदेश में बारिश और भूस्खलन ने काफी मुसीबत खड़ी कर दी है। अब तक 330 लोगों की मौत हो…

हिमाचल में ढहने लगीं पहाड़ियां

हिमाचल प्रदेश में बारिश और भूस्खलन ने काफी मुसीबत खड़ी कर दी है। अब तक 330 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि कई लोग घायल हुए हैं। 13 अगस्त से अब तक हादसों में 74 लोगों की जान जा चुकी है। राज्य को अब तक 7,700 करोड़ रुपये का अनुमानित नुकसान हुआ है। शिमला में हुए भूस्खलन में अब तक 15 शव मिल चुके हैं। हालांकि अभी भी 6 लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका है। इलाके में रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है।

हिमाचल में नया संकट!

मंडी शहर की प्रसिद्ध टारना पहाड़ी अब ढहने की कगार पर है। इस पहाड़ी में बड़ी-बड़ी दरारें नजर आ रही है। सड़कों में बड़े-बड़े गड्ढे नजर आ रहे हैं। स्थानीय लोगों के मुताबिक, आसपास बने मकान कभी भी ढह सकते हैं।

एनडीआरएफ की 30 टीमें बचाव कार्य में जुटी

हिमाचल के साथ-साथ यह प्राकृतिक आपदा उत्तराखंड में भी आई है और इसका असर पंजाब तक पहुंच गया है। इन राज्यों में एनडीआरएफ की 30 टीमें बचाव कार्य में जुटी है। मंडी जिले में 13 से 15 अगस्त के बीच हुई भारी बारिश ने भारी तबाही मचाई है। यहां 267 लोगों के घर पूरी तरह से नष्ट हो गए हैं। 31 करोड़ से ज्यादा का नुकसान हुआ है।

वायुसेना ने 220 से ज्यादा लोगों को बचाया

मंडी एडीसी निवेदिता नेगी के मुताबिक हालात को देखते हुए जल शक्ति विभाग के मुख्य अभियंता ने कार्यालय को पूरी तरह से खाली करा लिया है और निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को भी घर खाली करने के आदेश दिए गए हैं। कई इलाके जमे हुए हैं तो कई इलाके जलमग्न हैं, जहां वायुसेना के जवान लोगों को बचाने में लगे हुए हैं। वायुसेना ने कल कांगड़ा जिले से 220 से अधिक लोगों को बचाया।

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