अगर इन बातों का ध्यान रखेंगे तो भूस्खलन से बच पाएंगे, जानें किन तरीकों को अपनाया जाना चाहिए

आपदा को रोका नहीं जा सकता है। आपदा कहीं भी और कभी भी आ सकती है, किन्तु आपदा को लेकर…

अगर इन बातों का ध्यान रखेंगे तो भूस्खलन से बच पाएंगे

आपदा को रोका नहीं जा सकता है। आपदा कहीं भी और कभी भी आ सकती है, किन्तु आपदा को लेकर समय पर उठाया गया सही कदम आपकी जान बचा सकता है। अक्सर हमने देखा है कि मानसून अपना विकराल स्वरूप धारण कर लेता है। इस बार भी मानसून ने अपना विकराल रूप धारण किया है। आज भी हम देख सकते है कि भारत के कई इलाके प्राकृतिक आपदा भूस्खलन से जूझ रहे है। आए दिन भूस्खलन की घटना हमारे सामने आती है। ऐसे में हिमाचल में लगातार भूस्खलन की घटनाएं सामने आई है, जिसने लोगों के बीच भय की स्थिति उत्पन्न कर दी है। इस भूस्खलन का खतरनाक वीडियो भी सोशल मीडिया पर देखा जा सकता है। इसमें साफ दिख रहा है कि घाटी में स्थित मकान कैसे पहाड़ के दरकने से ढ़ह गए। गौरतलब है कि आपदा को रोकना हमारे हाथ में नहीं है लेकिन इससे बचना बेशक हमारे हाथ में है। आइए जानते है ऐसी घटनाओं से बचने के लिए क्या करें और क्या ना करें ??

कैसे बचें भूस्खलन आपदा से

1) सबसे पहले तो, नालों को साफ रखें और खास करके तूफान के जल को ढलानों वाली चट्टानों की सतह से हो सके तो दूर रखे।

2) नालों को कूड़ा, पत्ते, प्लास्टिक की थैलियां, मलबा आदि को लेकर जांचते रहे। इन छिद्रों को खुला रखे।

3) ऐसे समय में पानी को खास कर बर्बाद न होनें दे।

4) इसके अलावा ज्यादा से ज्यादा पेड़ों को लगाएं, जिससे इसकी जड़ों से मिट्टी के कटाव को रोका जा सके।

5) गिरने वाले चट्टानों और झुकी हुई या तो धंसी हुई ईमारत वाले एवं दरारों वाले हिस्सों की पहचान करें, जहां भूस्खलन होने की आशंका हो तो वहां से सुरक्षित स्थानों पर चलें जाएं।

6) कीचड़ युक्त नदी का पानी हो तो यह भी एक तरह का ऊपर की ओर होने वाले भूस्खलन का संकेत देता है।

7) ऐसे संकेत दिखने पर तुरंत निकटतम जिला मुख्यालय से संपर्क करें।

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