खाने में इन चीजों को करेंगे शामिल, तो होगा कोरोना से बचाव, ICMR के रिसर्च में दावा

अगर आप अपने भोजन में आयरन, जिंक और फाइबर से युक्त खाद्य पदार्थ को शामिल करते हैं, तो आप काफी…

अगर आप अपने भोजन में आयरन, जिंक और फाइबर से युक्त खाद्य पदार्थ को शामिल करते हैं, तो आप काफी हद तक कोरोना से खुद का बचाव कर सकते हैं। इसके साथ-साथ लगातार चाय पीने और खाने में हल्दी का इस्तेमाल भी कोविड को खतरे को कम करता है। दरअसल, इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) की एक स्टडी में इस बात का दावा किया गया है।

Include these things in your food so it will save you from corona

आईसीएमआर की रिपोर्ट में कहा गया है कि पश्चिमी देशों के मुकाबले भारत में कोविड से होने वाली मौतों में 5 से 8 फीसदी की कमी थी। इस स्टडी को भारत, ब्राजील, जार्डन, स्विटजरलैंड और साउदी अरब जैसे देशों के वैज्ञानिकों की एक टीम ने मिलकर किया है। इस रिसर्च का उद्देश्य यह था कि यह पता लगाया जा सके कि भारत और पश्चिमी देशों में भारी आबादी के बीच क्या खान-पान के अंतर से कोविड का खतरा तुलनात्मक रूप से कम हो सकता है अथवा नहीं।

रिसर्चर्स ने अध्ययन करके यह निष्कर्ष निकाला कि भारतीय खाद्य पदार्थ में साइटॉनिक स्टॉर्म (Cytokine storm) की भरपूर मात्रा होती है, जिसे पश्चिमी देशों की तुलना में भारत में कोविड-19 की मृत्यु दर को कम किया है। इसमें कहा गया है कि भारतीय आहार में भरपूर मात्रा में आयरन, जिंक और फाइबर होते हैं जिसने कार्बन डाई ऑक्साइड से बचाव, लिपोपॉलीस्कैराइड और कोविड से होने वाली गंभीर समस्याओं को रोकने में कारगर साबित हुई है।

चाय भी है कोरोना में फायदेमंद

जो लोग नियमित रूप से चाय पीते हैं, उन्हें अपना एचडीएल कोलेस्ट्रॉल यानि अच्छा कोलेस्ट्रॉल बढ़ाने में मदद मिली। इतना ही नहीं चाय में कैचीन पाया जाता है, जो आपके खून में नैचुरल एटोरवास्टैटिन की तरह काम करता है। यह हृदय रोगों को रोकने में मदद करता है। इसके अलावा खाने में मौजूद हल्दी इम्यूनिटी को भी बूस्ट करता है। शोधकर्ताओं ने दावा किया कि हल्दी में पाया जाने वाला करक्यूमिन कोविड से होने वाली गंभीरता और इंफेक्शन को कम कर मृत्यु दर में कमी लाने का काम करता है।

इस कारण से पश्चिमी देशों में हुई अधिक मौतें

शोधकर्ताओं ने अध्ययन में उल्लेख किया कि पश्चिमी देशों में रेड मीट और डेयरी, कॉफी और अल्कोहल की अधिक खपत के कारण कोरोना की गंभीरता और मृत्यु दर में वृद्धि हुई। इन खाद्य पदार्थों में स्फिंगोलिपिड्स, पामिटिक एसिड, CO2 और LPS जैसे सब प्रोडक्ट की उच्च सांद्रता होती है, जो इंट्यूससेप्टिव एंजियोजेनेसिस, हाइपरकेनिया और रक्त शर्करा के स्तर को बढ़ाता है। इससे सांस लेना कठिन हो जाता है।

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