- टैकनोलजी
- December 24, 2023
- No Comment
- 1 minute read
2028 में भारत बनाएगा अंतरिक्ष में अपना ‘घर’, हर रोज लगेगा पृथ्वी का चक्कर; यहां जाने डिटेल्स
2028 में भारत बनाएगा अंतरिक्ष में अपना ‘घर’, हर रोज लगेगा पृथ्वी का चक्कर; यहां जाने डिटेल्स-इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन…
2028 में भारत बनाएगा अंतरिक्ष में अपना ‘घर’, हर रोज लगेगा पृथ्वी का चक्कर; यहां जाने डिटेल्स-इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (इसरो) ने 2028 तक भारत का पहला इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन लॉन्च करने का ऐलान किया है। पिछले डेढ़ दशक में भारत ने स्पेस सेक्टर में बड़ी कामयाबी हासिल की है। मंगल ग्रह तक मिशन पहुंचाना हो या फिर चंद्रमा पर लैंडर उतारना हो या ढेरों सैटेलाइट्स को अंतरिक्ष में भेजना, हर साल स्पेस में भारत ने बढ़त ही हासिल की है और अब स्पेस में भारत का मकसद अपना ‘घर’ यानी स्पेस स्टेशन बनाना है।
इसरो अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने बताया कि कब स्पेस स्टेशन के शुरुआती मॉड्यूल को लॉन्च किया जाएगा। उन्होंने कहा है कि 2028 तक यानी अगले पांच सालों के भीतर हमारे इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के शुरुआती मॉड्यूल को ऑर्बिट में पहुंचा दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि पहला मॉड्यूल 8 टन वजन वाला होगा। उन्होंने कहा कि अमृत काल के भीतर की भारत अपना ‘भारत स्पेस स्टेशन’ स्थापित करना चाहता है। आइए जानते हैं कि देश को स्पेस स्टेशन से क्या फायदा होने वाले है।
स्पेस स्टेशन किन-किन देशों के पास हैं?
अभी स्पेस में दो स्पेस स्टेशन हैं, जिसमें से एक चीन का ‘तियानगोंग स्पेस स्टेशन’ है, जबकि दूसरा ‘इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन’ है, जिसे कई देशों ने मिलकर तैयार किया है। 2022 से ही चीन का तियानगोंग स्पेस स्टेशन ऑपरेशनल है। इस पर वर्तमान में तीन एस्ट्रोनोट्स भी मौजूद हैं। जबकि, अमेरिका की स्पेस एजेंसी नासा, रूस की रोस्कोमोस, जापान की जाक्सा, यूरोप की ईएसए और कनाडा की सीएसए ने मिलकर इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन को तैयार किया। आईएसएस को ये सभी मिलकर कंट्रोल करते हैं। 1998 में आईएसएस को लॉन्च किया गया था। बता दें कि, ISS इंसान का बनाया सबसे बड़ा स्ट्रक्चर है।
देश को स्पेस स्टेशन से क्या फायदा होगा?
• भारत स्पेस स्टेशन पृथ्वी के ऊपर होने से हमें धरती की 24 घंटे तस्वीरें क्लिक करने का मौका मिलेगा, जिसकी मदद से देश को प्राकृतिक घटनाओं की समझ, ज्वालामुखी विस्फोट की जानकारी, जलवायु परिवर्तन और रोशनी से होने वाले प्रदूषण के बारे में पता चलेगा। ऊपर से ही मौसम में होने वाले बदलाव का भी पता चलेगा।
• कई तरह के साइंटिफिक एक्सपेरिमेंट भी स्पेस स्टेशन पर किए जा सकेंगे। किसी बीमारी को स्पेस के वातावरण में समझना हो या माइक्रोब्स पर रिसर्च करना होगा या फिर इंसानी शरीर कैसे काम करता है, ये सब हमें बेहतर ढंग से स्पेस स्टेशन पर समझने में मदद मिलेगी। इसके अलावा पौधे उगाने जैसे काम भी स्पेस में किए जाएंगे।
• स्पेस स्टेशन, स्पेस सेक्टर में हमारी आने वाली पीढ़ियों को करियर बनाने के लिए प्रेरित करेगा। भारतीय छात्रों से स्पेस स्टेशन में मौजूद एस्ट्रोनोट्स बात कर पाएंगे और उन्हें मोटिवेट कर पाएंगे।
• इस स्पेस स्टेशन से भारत अपने पड़ोसी देशों की भी मदद कर पाएगा। किसी देश को अगर अपने एस्ट्रोनोट्स को अंतरिक्ष में भेजना होगा तो इसमें भारत उनकी मदद कर पाएगा।
• भविष्य में भारत चंद्रमा और मंगल ग्रह पर भी इंसानों को भेजने का विचार कर रहा है। ऐसे में ये पृथ्वी के बाहर उन एस्ट्रोनोट्स के लिए एक बेस कैंप का भी काम करेगा। भारतीय एस्ट्रोनोट्स को अभी स्पेस में भेजने की भी तैयारी चल रही है।