इस बार ‘अमरनाथ यात्रा’ में 15 ‘नो-स्टे जोन’ होंगे, यात्रा को सुरक्षित बनाने के लिए हो रही तैयारियां

इस बार ‘अमरनाथ यात्रा’ में 15 ‘नो-स्टे जोन’ होंगे, यात्रा को सुरक्षित बनाने के लिए हो रही तैयारियां जम्मू-कश्मीर प्रशासन…

इस बार ‘अमरनाथ यात्रा’ में 15 ‘नो-स्टे जोन’ होंगे, यात्रा को सुरक्षित बनाने के लिए हो रही तैयारियां

जम्मू-कश्मीर प्रशासन इस साल अमरनाथ यात्रा शुरू कर रहा है और इसकी तैयारी अभी से शुरू कर दी गई है। प्रशासन 14 से 18 किलोमीटर लंबे पैदल मार्ग पर 15 ‘नो स्टे जोन’ स्थापित कर रहा है, जहां टेंट, दुकानें और लंगर की अनुमति नहीं होगी। ये क्षेत्र भूस्खलन के लिए संवेदनशील हैं, इसलिए तीर्थयात्रियों को सावधान रहना चाहिए कि वे इनके बहुत करीब न आएं।

इस साल अमरनाथ यात्रा में बड़ी संख्या में लोगों के आने की उम्मीद है। यह सुनिश्चित करने के लिए मार्ग के साथ बहुत सारे नो-स्टे जोन स्थापित किए गए हैं। पिछले साल अमरनाथ यात्रा पर 36.5 लाख तीर्थयात्री आए थे, जो एक रिकॉर्ड था। अनुमान है कि इस साल और भी लोग आएंगे। पिछले साल जुलाई में अमरनाथ गुफा के पास एक कैंप पर लैंडस्लाइड की चपेट में आने से 17 लोगों की मौत हो गई थी। आलोचना की गई थी कि अधिकारियों ने भूस्खलन और अचानक बाढ़ के लिए एहतियाती उपाय नहीं किए थे और क्षेत्र में बड़ी संख्या में दुकानों और तंबुओं को स्थापित करने की अनुमति दी।

फेंसिंग और ढलान की मरम्मत की जाएगी

इस साल अमरनाथ यात्रा मार्ग में श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की कोई दिक्कत न हो, इसके लिए प्रशासन ने कई तैयारियां की है। यात्रा मार्ग में कई पुल बनाए जाएंगे। वहीं, फेंसिंग की भी मरम्मत कराई जाएगी। खतरनाक माने जाने वाले ढलान को मजबूत किया जा रहा है। जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिव अरुण कुमार का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के मुताबिक यहां पर व्यवस्था की जा रही है।

यात्रा को सुरक्षित बनाने के लिए हो रही तैयारियां

• सबसे पहले 15 मार्च को मार्ग से बर्फ हटाना शुरू होगा। अप्रैल के अंत तक इसे साफ कर दिया जाएगा।

• प्रत्येक यात्री और वाहन पर रेडियो फ्रीक्वेंसी टैग लगाए जाएंगे, ताकि सरकार उनकी गतिविधियों को ट्रैक कर सके।

• पुलिस, सेना और अन्य सुरक्षा बल तीर्थयात्रियों के प्रत्येक जत्थे के साथ होंगे। अगर कोई आतंकी हमला होता है, तो वे इसमें शामिल किसी को भी जल्दी से पकड़ सकेंगे।

श्रद्धालु अभी से प्राणायाम का अभ्यास शुरू कर दें

देवी मां के मंदिर की अपनी यात्रा को यथासंभव सुचारू बनाने के लिए, श्रद्धालुओं को अपनी यात्रा से एक महीने पहले प्राणायाम का अभ्यास शुरू कर देना चाहिए। हर दिन सुबह और शाम कुछ किलोमीटर पैदल चलने से आपको ऊंचाई पर रहने के दौरान फिट और स्वस्थ रहने में मदद मिलेगी।

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