Chandrayan-3 को लेकर ISRO ने हासिल की एक और बड़ी उपलब्धि, प्रोपल्शन मॉड्यूल ने सफलतापूर्वक पूरा किया ये मिशन

चंद्रयान-3 का प्रोपल्शन मॉड्यूल पीएम पृथ्वी की कक्षा में लौट आया है। इस सफलतापूर्वक मिशन के बाद इसरो ने एक…

Chandrayan-3

चंद्रयान-3 का प्रोपल्शन मॉड्यूल पीएम पृथ्वी की कक्षा में लौट आया है। इस सफलतापूर्वक मिशन के बाद इसरो ने एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की है, जिसमें चंद्रयान-3 CH-3 का प्रोपल्शन मॉड्यूल (पीएम) ने एक सफल चक्कर लगाया और एक अनूठे एक्सपेरिमेंट में इसे चंद्र कक्षा से पृथ्वी की कक्षा में लाया गया।

अंतरिक्ष यान को 14 जुलाई 2023 को SDSC और SHAR से LVM3-M4 पर लॉन्च किया गया था और 23 अगस्त 2023 को विक्रम लैंडर ने चंद्रमा पर अपनी पहली ऐतिहासिक लैंडिंग की और उसके बाद प्रज्ञान रोवर को तैनात किया गया और लैंडर और रोवर को 1 चंद्र दिवस (मतलब पृथ्वी के 14 दिन) तक लगातार संचालित किया गया, लेकिन अब चंद्रयान-3 मिशन के उद्देश्य पूरी तरह से पूरे हो गए हैं। भारत ऐसा करने वाला चौथा देश बन गया है। इससे पहले अमेरिका, चीन और सोवियत संघ ने यह कारनामा किया था।

सफल हुआ चंद्रयान- 3 मिशन

इसरो ने कहा कि इसरो का चंद्रयान 3 मिशन पूरी तरह से सफल हो गया है और वर्तमान में प्रोपल्शन मॉड्यूल पीएम पृथ्वी की परिक्रमा कर रहा है और 22 नवंबर को 1.54 लाख किलोमीटर की ऊंचाई को पार कर गया है। इसरो ने यह भी बताया किइस कक्षा की अवधि लगभग 13 दिन है।

क्या था चंद्रयान-3 मिशन का उद्देश्य?

चंद्रयान-3 मिशन का प्राथमिक उद्देश्य चंद्रमा के साउथ पोल के निकट विक्रम और प्रज्ञान का उपयोग करके सॉफ्ट लैंडिंग प्रदर्शित करना था। वहीं प्रोपल्शन मॉड्यूल का मुख्य उद्देश्य सिलेंडर लैंडर मॉड्यूल को जियोस्टेशनरी ट्रांसफर ऑर्बिट से अंतिम चंद्र ध्रुवीय गोलाकार कक्षा तक पहुंचाना और लैंडर को अलग करना था।

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