इस साल झेलनी पड़ेगी भीषण गर्मी, सबसे ज्यादा पावर कट होगा, जानें क्या है कारण

इस साल झेलनी पड़ेगी भीषण गर्मी, सबसे ज्यादा पावर कट होगा, जानें क्या है कारण आमतौर पर लोग गर्मी से…

इस साल झेलनी पड़ेगी भीषण गर्मी, सबसे ज्यादा पावर कट होगा, जानें क्या है कारण

आमतौर पर लोग गर्मी से पहले अपने पंखे, कूलर और एसी ठीक करवा लेते हैं, क्योंकि आपको गर्मी में झुलसना नहीं है। लेकिन अगर बिजली ही न हो तो ये पंखा, कूलर या एसी किस काम का। इस बार भीषण गर्मी में भूनने के लिए तैयार रहें, क्योंकि आपके घर या ऑफिस की पावर कभी भी खराब हो सकती है। ऐसा हम नहीं कह रहे बल्कि दिल्ली लोड डिस्पैच सेंटर के आंकड़े इस ओर इशारा कर रहे हैं। क्योंकि कोरोना काल के बाद उद्योगों में काम फिर से शुरू हो गए हैं और बिजली की खपत बढ़ गई है।

दिल्ली लोड डिस्पैच सेंटर के आंकड़ों के मुताबिक, जनवरी में राजधानी दिल्ली में बिजली की अधिकतम मांग 5,247 मेगावाट थी। बिजली कंपनियों के मुताबिक जनवरी में यह डिमांड दो साल में सबसे ज्यादा रही है। इसके बजाय इस सर्दी में अब तक की सबसे ज्यादा मांग देखी गई है। पिछले साल बिजली की अधिकतम मांग जनवरी 2022 में 5,104 मेगावाट और 2021 में 5,021 मेगावाट थी। हालांकि, 2020 में यह 5,343 मेगावाट थी।

जून माह में बढ़ सकती है बिजली की आपूर्ति

देश में सर्दी का मौसम खत्म हो गया है। साथ ही मार्च के महीने से भीषण गर्मी शुरू हो जाएगी। अब फरवरी में ही देश के कुछ हिस्सों में तापमान 30 से 35 डिग्री तक जाने लगा है, जिससे घरों में पंखे चलने लगे हैं। इससे इन शहरों में बिजली पावर की मांग बढ़ी है, जो पिछले साल से रिकॉर्ड स्तर पर देख रही है। अगले मार्च से जून माह में अचानक बिजली आपूर्ति बढ़ सकती है।

इस साल जनवरी 2023 में बिजली की मांग 211 गीगावॉट तक पहुंच गई। यह खपत पिछले साल की गर्मियों से अधिक स्तर पर रही है। अब देश में कोरोना महामारी से जुड़ी पाबंदियां हटने के साथ ही एक बार फिर भारी उद्योग शुरू हो गए हैं। गौरतलब हो कि उस समय गर्मी का 122 साल पुराना रिकॉर्ड भी टूटा था।

भारतीय मौसम विभाग के मुताबिक देश में एकतरफा गर्मी बढ़ने से किसानों को काफी नुकसान हो सकता है। इसलिए किसानों से गेहूं और अन्य फसलों की जांच करने को कहा गया है। गर्मी का मौसम असामान्य रूप से शुरू हो गया है। वहीं, देश में सिंचाई पंपों और एयर कंडीशनरों की जोरदार बिक्री से बिजली की खपत बढ़ सकती है। अगर ऐसा ही चलता रहा तो देश के एनर्जी नेटवर्क में दिक्कत आ सकती है।

अप्रैल में बिजली की मांग 229 गीगावॉट तक होगी

देश में आयातित कोयले का उपयोग करने वाले पावर स्टेशन गर्मियों में ब्लैकआउट से बचने के लिए पहले से ही हाथ-पांव मार रहे हैं। वहीं, स्थानीय कोयले की आपूर्ति को देखते हुए 3 महीने तक पूरी क्षमता से काम करने का आदेश दिया गया है। सूत्रों के मुताबिक, अप्रैल 2023 में बिजली की मांग 229 गीगावॉट तक पहुंचने की उम्मीद है।

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