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- February 24, 2023
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केदारनाथ-बद्रीनाथ समेत चार धामों की यात्रा करने से पहले जान लें ये नियम, नहीं तो हो सकती है दिक्कतें
केदारनाथ-बद्रीनाथ समेत चार धामों की यात्रा करने से पहले जान लें ये नियम अगर आप उत्तराखंड के चार तीर्थ स्थलों…
केदारनाथ-बद्रीनाथ समेत चार धामों की यात्रा करने से पहले जान लें ये नियम
अगर आप उत्तराखंड के चार तीर्थ स्थलों की यात्रा करना चाहते हैं तो इसके कुछ नियम हैं। आपको इसे जानने की आवश्यकता है, क्योंकि पिछले साल इस तीर्थ में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी थी और प्रशासन के हिसाब से इस साल भी भारी भीड़ होने के आसार हैं। इसलिए प्रशासन की ओर से सभी तरह की तैयारियां पहले ही पूरी कर ली गई हैं।
गौरतलब है कि पिछले साल चारधाम यात्रा में बड़ी संख्या में श्रद्धालु आए थे और भगवान के दर्शन किए थे। लेकिन हुआ ऐसा था कि आने वाले भक्तों को कड़कड़ाती ठंड में घंटों लाइन में खड़े होकर दर्शन का इंतजार करना पड़ा था. इस तरह की परेशानी से निजात दिलाने और श्रद्धालुओं को इस तरह की स्थिति से बचाने के लिए प्रशासन द्वारा ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन अनिवार्य कर दिया गया है। गौरतलब है कि राज्य सरकार ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखा है ताकि सभी तीर्थयात्री यह ऑनलाइन पंजीकरण कराकर ही आए।
पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि इस साल आने वाले श्रद्धालुओं के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन अनिवार्य कर दिया गया है। रजिस्ट्रेशन के बाद जिस मोबाइल से रजिस्ट्रेशन हुआ है, उस मोबाइल पर एक क्यूआर कोड भेजा जाएगा। भेजे गए इस क्यूआर कोड को मंदिर में दिखाना होगा। इसके बाद श्रद्धालुओं को टोकन दिया जाएगा। दिए गए टोकन में श्रद्धालु को दर्शन के लिए स्लॉट आवंटित किया जाएगा और वो बिना किसी परेशानी के दर्शन कर सकेंगे। ऐसा करने से प्रशासन को दर्शन के लिए आए दर्शकों की सही संख्या मिल सकेगी और प्रशासन ज्यादा सुविधाएं दे सकेगा।
देखिए रजिस्ट्रेशन कैसे किया जा सकता है?
आपको बता दें कि पर्यटन विभाग ने इस बार रजिस्ट्रेशन को लेकर चार विकल्प दिए हैं. चार धाम यात्रा के लिए इस बार ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन पर्यटन विभाग की वेबसाइट registrationandtouristcare.uk.gov.in, टोल फ्री नंबर 1364, व्हाट्सएप नंबर 8394833833, मोबाइल एप टूरिस्ट केयर उत्तराखंड (टूरिस्ट केयर उत्तराखंड) के जरिए किया जा सकता है।
रिपोर्ट के मुताबिक बद्रीनाथ के लिए करीब 18 हजार, यमुनोत्री के लिए छह हजार, केदारनाथ धाम के लिए 15 हजार और गंगोत्री के लिए नौ हजार सवारियां तय करने पर प्रतिदिन की फैसला हो सकता है। चारधाम यात्रा मार्ग पर स्वास्थ्य और भोजन सुविधाएं, धामों में श्रद्धालुओं के आवास, वीआईपी दर्शन के लिए शुल्क तय करना, बसों का संचालन, घोड़ों और खच्चरों की स्वास्थ्य जांच, पानी की व्यवस्था, पैदल मार्गों पर हॉट स्पॉट, शेड, सड़कों की मरम्मत समेत कई मामलों पर फैसला लिया जाएगा।