‘चंद्रयान-3’ की लॉन्चिंग रही कॉस्ट इफेक्टिव, फिल्म ‘अवतार’ के मुकाबले लागत एक तिहाई कम

पूरा देश बेसब्री से 23 अगस्त का इंतजार कर रहा हैं, क्योंकि इसी दिन ‘चंद्रयान-3’ चांद के सतह पर उतरेगा।…

'चंद्रयान-3' की लॉन्चिंग रही कॉस्ट इफेक्टिव, फिल्म 'अवतार' के मुकाबले लागत एक तिहाई कम

पूरा देश बेसब्री से 23 अगस्त का इंतजार कर रहा हैं, क्योंकि इसी दिन ‘चंद्रयान-3’ चांद के सतह पर उतरेगा। ‘चंद्रयान-3’ का विक्रम लैंडर प्रज्ञान रोबोट के साथ 23 अगस्त को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव की पास लैंड करेगा। इस बीच हर रोज इसरो ‘चंद्रयान-3’ द्वारा ली गई फोटोज को जारी कर रहा है। पहले की मून मिशन के मुताबिक चंद्रयान-3 सबसे अधिक कॉस्ट इफेक्टिव बताया गया है। यानी अब तक के दो चंद्रयान मिशन के मुकाबले चंद्रयान-3 के लिए सबसे कम पैसे खर्च किए गए हैं।

चंद्रयान-3 का बजट

इसरो के पूर्व चेयरमैन के. सिवन के अनुसार, मिशन ‘चंद्रयान 3’ का वित्तीय बजट 75 मिलियन डॉलर मतलब भारतीय रुपयों में 615 करोड़ के बजट में तैयार किया गया है। जनवरी 2020 की एक रिपोर्ट के अनुसार इसरो के पूर्व चेयरमैन के. सिवन ने बताया था कि अंतरिक्ष यान के लैंडर, और रोवर और प्रोपल्शन मॉड्यूल की लागत लगभग 250 करोड़ रुपए होगी और लांच सर्विस पर अतिरिक्त 365 करोड़ रुपए की लागत आएगी।

साल 2009 में रिलीज हुई हॉलीवुड फिल्म ‘अवतार’ का बजट आज के हिसाब से करीब 1970 करोड़ रुपये पड़ता है। जबकि चंद्रयान-3 का कुल बजट करीब 615 रुपये है। इस तरह चंद्रयान को भेजने में इस फिल्म के मुकाबले केवल एक तिहाई लागत ही आई है। यानी चंद्रयान 3 को चंद्रमा पर भेजना काफी किफायती रहा है। बता दें, इसे 2021 में लॉन्च किया जाना था लेकिन कोविड के कारण इसमें देरी हुई। आखिरकार 14 जुलाई 2023 को इसे भेजने में सफलता मिली।

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