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- February 4, 2023
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मध्य प्रदेश : पन्ना अभ्यारण्य में बाघिन टी-1 की मौत, 14 साल पहले लाई गई थीं, 13 शावकों को दिया था जन्म
मध्य प्रदेश के पन्ना टाइगर रिजर्व (पीटीआर) में लगभग 14 साल पहले विशेष परियोजना के तहत लाई गई पहली बाघिन…
मध्य प्रदेश के पन्ना टाइगर रिजर्व (पीटीआर) में लगभग 14 साल पहले विशेष परियोजना के तहत लाई गई पहली बाघिन टी-1 की मौत हो गई है। इसने अपने पूरे जीवनकाल में 13 शावकों को जन्म दिया था। अभ्यारण्य से जुड़े एक अधिकारी ने बुधवार को इसकी जानकारी दी कि पन्ना के टाइगर रीइंट्रोडक्शन प्रोजेक्ट (टीआरपी) की सफलता के लिए बाघिन ने बेहद में उल्लेखनीय योगदान दिया था। मार्च 2009 में मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व से परियोजना के तहत लाई जाने वाली वह पहली बाघिन थी।
मड़ला रेंज में मंगलवार शाम पेट्रोलिंग प्लाटून ने इस बाघिन का शव देखा। इसे एक निष्क्रिय रेडियो कॉलर 2017 में पहनाया गया था। पीटीआर के क्षेत्र निदेशक बृजेंद्र झा ने बताया कि वन अधिकारियों की एक टीम ने मौके पर पहुंचकर क्षेत्र का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि टी-1 स्वाभाविक रूप से मर गई और इलाके में कुछ भी संदिग्ध नही मिला है। पोस्टमॉर्टम के बाद, शव का बुधवार सुबह राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) के दिशा-निर्देशों के अनुसार निस्तारण कर दिया गया। वन अधिकारी ने कहा कि विसरा को जांच के लिए सागर और जबलपुर प्रयोगशालाओं में भेजा गया है।
निदेशक के मुताबिक, टी-1 पीटीआर बफर जोन में घूम रही थी। वह कुछ समय तक अन्य बाघों द्वारा किए गए शिकार पर जीवित रह रही थी क्योंकि वह अपनी बढ़ती उम्र के कारण शिकार करने की ताकत खो चुकी थी। बाघिन ने 13 शावकों को जन्म दिया था। टी-1 ने पन्ना के टाइगर रीइन्ट्रोडक्शन प्रोजेक्ट की सफलता के लिए वास्तव में उल्लेखनीय योगदान दिया है। उन्होंने बताया कि एक बाघिन की औसत आयु लगभग 14 गुना होती है, लेकिन टी-1 उससे अधिक जीवित रही।
मध्य प्रदेश में सर्वाधिक 526 बाघ
अखिल भारतीय बाघ अनुमान रिपोर्ट 2018 के अनुसार, मध्य प्रदेश में 526 बाघ हैं। यह देश के किसी भी राज्य की तुलना में सबसे अधिक था। बता दें, अखिल भारतीय बाघ अनुमान रिपोर्ट इस साल आने वाली है, क्योंकि देश में बाघों के जनगणना का काम पूरा हो चुका है। मध्य प्रदेश में कान्हा, बांधवगढ़, पेंच, सतपुड़ा और पन्ना सहित कई टाइगर रिजर्व हैं।