मिस्र में ममी को लेकर हुई बड़ी खोज, सामने आया ममी को सालो तक सुरक्षित रखने का राज।

प्राचीन काल में मिस्र में मृतको को ममीकृत करने के लिए एक खास जैव रसायन का उपयोग किया जाता था…

प्राचीन काल में मिस्र में मृतको को ममीकृत करने के लिए एक खास जैव रसायन का उपयोग किया जाता था और इसे दक्षिण-पूर्व एशिया से आयात किया जाता था यह 2500 वर्ष से अधिक पुराने एक कार्यशाला में पाए गए कंटेनरो के विश्लेषण के माध्यम से पता चला है। 2500 साल पुरानी इस कार्यशाला में बंद डिब्बो में रेझिन नामक केमिकल पाया गया है। जर्मनी के ट्युबिंगेन और म्युनिक युनिवर्सिटी के शोधकर्ताओ की टीम ने केरो मे राष्ट्रीय संशोधन केन्द्र की मदद से सक्कारा ममीफिकेशन लेब में पाए गए 31 मिट्टी के बर्तनो में खास रेझिन ढूंढ निकाला है। इसके अलावा खोजे गए बर्तन और बीकर 664 -525 ईसा पूर्व के होने का अनुमान लगाया जा रहा है।

इस प्राचीन ममीकरण लैब से कई बीकर और कटोरो की मदद से पता लगा है कि प्राचीन मिस्र में लोग मृतदेह को संरक्षित रखने के लिए इस केमिकल का उपयोग किया जाता था। बर्तनो मे मिलने वाले पदार्थो मे एंटीफंगल , एंटी बैक्टीरियल गुण थे जो शवो को संरक्षित तो रखते ही थे साथ मे इसमे एक प्रकार की महक भी होती थी जो इन्हे गंध से बचाती थी।

गौरतलब है कि मिस्र पुरातात्विक खोज के लिए बहुत मशहूर है , आए दिन यहा पुरानी ममियों का मिलना आम बात है और अब इससे ही जुडी यह रहस्यमयी बाते सामने आई है जिसे जानकर सभी लोग हैरान रह गए थे।

मिस्र को ममी के शहर से भी जाना जाता है दरअसल ममी उन शव को कहते है जिन्हे कोई खास विधि या लेप के माध्यम से सालो तक सुरक्षित रखा जाता है। प्राचीन मिस्र के लोग शव पर एक खास तरह का लेप लगाते थे उनका मानना था कि यह लेप लगाने से मृत्यु के बाद भी शव लंबे समय तक रहेंगे ।

ममी को कैसे बनाया जाता था??
सबसे पहले मृतदेह को नैट्रोन झील से पाए जाने वाले नमक से सुखाया जाता था उसके बाद शरीर के अंगो को भी निकाल लिया जाता था फिर इस शरीर को धोकर लेप लगाया जाता था जिससे कि शरीर को सोने से बचाया जा सके ।

समाचार एजेंसी एएफपी के एक रिपोर्ट के मुताबिक, शोधकर्ताओ ने बर्तनो के अंदर एशियाई पेड़ो से मिलता रेझिन जो कि एक चिपकाने वाला पदार्थ होता है वह पाया गया। और इसके अलावा लेबनान से पाया जाने वाला देवदार का तेल और कोलतार जो कि मृत सागर में पाए जाते है उसका इस्तेमाल किया गया था जिससे साफ जाहिर है कि उस समय वैश्विक वेपार खूब फल-फूल रहा था।

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