अब सोमवार को होगी 26 हफ्ते का गर्भ गिराने के मामले में सुनवाई, सुप्रीम कोर्ट ने AIIMS से मांगे सवालों के जवाब

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) से सुप्रीम कोर्ट ने विभिन्न पहलुओं पर रिपोर्ट देने को कहा है। दरअसल कोर्ट जानना…

26 हफ्ते का गर्भ गिराने के मामले में सुनवाई

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) से सुप्रीम कोर्ट ने विभिन्न पहलुओं पर रिपोर्ट देने को कहा है। दरअसल कोर्ट जानना चाहता है कि क्या ऐसा कोई सबूत है जो यह दर्शाता हो कि महिला को मानसिक बीमारी के लिए दी जाने वाली दवाओं से पूर्ण अवधि की गर्भावस्था खतरे में पड़ जाएगी। बता दें, 26 हफ्ते के गर्भ को गिराने की अनुमति मांग रही महिला के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आगे की सुनवाई के लिए 16 अक्टूबर की तारीख तय की है। इसके अतिरिक्त सोमवार तक के लिए इस मामले को स्थगित कर दिया गया है। अदालत ने AIIMS से रिपोर्ट भी मांगी है।

रिपोर्ट में अदालत ने यह बताने को कहा है कि क्या भ्रूण को कोई बीमारी है? कोर्ट यह जानना चाहता है कि क्या ऐसा कोई सबूत है जो कि यह बताता हो कि महिला की मानसिक बीमारी के इलाज के लिए जो दवा दी जाती है, उससे पूर्ण अवधि की गर्भावस्था खतरे में पडा जाएगी। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने एम्स को महिला की मानसिक एवं शारीरिक स्थिति का मूल्यांकन करने को भी कहा है और अगर भ्रूण की सुरक्षा के लिए कोई दवा उपलब्ध हो तो इस बारे में भी जानकारी देने को कहा है।

मेडिकल तरीकों से गर्भपात के लिए महिला पहुंची सुप्रीम कोर्ट

बता दें कि 26 सप्ताह की गर्भवती महिला पहले ही दो बच्चों की मां है और अब वह तीसरे बच्चे को जन्म देने वाली है, किन्तु वह बच्चा गिराना चाहती है। इसलिए यह महिला मेडिकल तरीकों का इस्तेमाल कर गर्भपात की अनुमति लेने सुप्रीम कोर्ट पहुंची थी, लेकिन यहां से भी महिला को निराशा हाथ लगी है। महिला की गर्भ गिराने की अपील पर बीते दिन सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि किसी बच्चे को हम नहीं मार सकते।

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