ओडिशा रेल हादसाः रेलवे की खामियों को लेकर पिछले साल ही सौंपी थी कैग ने रिपोर्ट, सरकार पर अनदेखा करने के आरोप

#OdishaTrainAccident : क्या रेलवे सुरक्षा को लेकर CAG की रिपोर्ट को अनदेखा किया गया?, देखें विशेष रिपोर्ट pic.twitter.com/t35Dt4PD49 — NDTV…

ओडिशा रेल हादसे के बाद केंद्र सरकार विपक्ष के निशाने पर है। सरकार पर नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की ऑडिट रिपोर्ट को नजरअंदाज किये जाने का आरोप लग रहे हैं। 2022 के सिंतबर महीने में ही कैग ने रेलवे की ऑडिट रिपोर्ट में कहा था कि रेल सुरक्षा में कई खामियां हैं। अगर इन मुद्दों पर समय रहते ध्यान नहीं दिया गया तो कोई अनहोनी हो सकती है। वहीं विपक्ष ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि अगर समय पर रिपोर्ट को ध्यान में रखा जाता और इस दिशा में काम काम हुआ होता तो आज इतना बड़ा हादसा नहीं होता।

Odisha Rail Accident: The CAG had submitted its report last year regarding the shortcomings of the railway, accusing the government of ignoring it

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने पूछा कि कैग रिपोर्ट के अनुसार, 2017-18 और 2020-21 के बीच 10 में से लगभग सात रेल दुर्घटनाएं ट्रेन के पटरी से उतरने के कारण हुईं। इसकी अनदेखी क्यों की गई? वहीं टीएमसी, सपा और अन्य विपक्षी पार्टियों के बाद अब एनसीपी ने भी केंद्र सरकार और रेलमंत्री अश्वीनी वैष्णव पर सीधा हमला बोला है। एनसीपी ने इस दौरान सीएजी की 2022 की रिपोर्ट में सुझाए गए उपायों को लागू न करने का आरोप लगाया।

क्या कहती है 2017-18 से 2020-21 की कैग रिपोर्ट?

1. खराब ट्रैक रखरखाव, ओवरस्पीडिंग और मैकेनिकल फेलियर पटरी से उतरने के प्रमुख कारण।

2. इंस्पेक्शन में भारी कमी, हादसों के बाद जांच रिपोर्ट जमा करने या स्वीकार करने में विफलता, प्राथमिकता वाले कार्यों के लिए तय रेलवे फंड का उपयोग नहीं करना।

3. रेलवे पटरियों की ज्योमेट्रिकल और स्ट्रक्चरल कंडीशन का आकलन करने के लिए आवश्यक ट्रैक रिकॉर्डिंग में कमी।

4. अप्रैल 2017 से मार्च 2021 तक ‘इंजीनियरिंग विभाग’ के कारण डिरेलमेंट के 422 मामले सामने आए। बोगियों के पटरी से उतरने के लिए ‘ट्रैक के रखरखाव’ (171 मामले) बड़ा मुद्दा रहा। इसके अलावा ‘ट्रैक पैरामीटर का सीमा से अधिक विचलन’ (156 मामले) भी एक कारण था।

5. डिरेलमेंट की घटनाओं के पीछे ‘खराब ड्राइविंग/ओवर स्पीडिंग’ भी प्रमुख रूप से जिम्मेदार।

6. ‘ऑपरेटिंग डिपार्टमेंट’ के कारण होने वाली दुर्घटनाओं की संख्या 275 थी। इसके अलावा ‘प्वाइंट्स की गलत सेटिंग और शंटिंग ऑपरेशन में अन्य गलतियां’ 84 प्रतिशत घटनाओं के लिए जिम्मेदार।

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