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- February 1, 2023
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पाकिस्तान को नहीं, बांग्लादेश को मिली IMF की तरफ से सहायता राशि, जानें क्यों है महत्वपूर्ण
आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान के लिए अब आखिरी उम्मीद अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से ही बची है। पाकिस्तान…
आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान के लिए अब आखिरी उम्मीद अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से ही बची है। पाकिस्तान IMF से और कर्ज लेने के लिए संभव कोशिश कर रहा है। इस बीच, उसके पड़ोसी देश बांग्लादेश को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने बांग्लादेश को 4.7 बिलियन डॉलर के ऋण (लोन) को मंजूरी दे दी है। बांग्लादेश एकमात्र दक्षिण एशियाई देश है, जिसने आर्थिक संकट के दौरान 2018 में IMF से ऋण के लिए आवेदन किया था, जिसे आईएमएफ ने ऋण को मंजूरी दे दी है। इस समूह के अन्य दो देश श्रीलंका और पाकिस्तान भी इसमें शामिल हैं।
पीएम शेख हसीना के लिए अच्छी खबर क्यों?
बांग्लादेश में अगले साल की शुरुआत में आम चुनाव होने हैं। इससे पहले IMF से लोन की मंजूरी मिलना प्रधानमंत्री शेख हसीना के लिए एक बड़ी जीत माना जा रहा है। बांग्लादेश भी पाकिस्तान की तरह महंगाई से जूझ रहा है। बांग्लादेश का वित्तीय घाटा लगातार बढ़ रहा है। इसके अलावा, उसकी मुद्रा (टका) में और उसके विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट देखी जा रही है।
इस बीच आईएमएफ से लोन हासिल करना हसीना सरकार के लिए एक अच्छी खबर है। IMF के कार्यकारी बोर्ड ने सोमवार को बांग्लादेश के लिए 4.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर के ऋण की मंजूरी दी है। ऋण की यह राशि बांग्लादेश की आर्थिक नीतियों के समर्थन के लिए दी जा रही है। यह पूरी राशि बांग्लादेश को 42 महीनों में दी जाएगी।
बांग्लादेश को तत्काल 476 मिलियन डॉलर मिलेंगे
आईएमएफ की विस्तारित ऋण सुविधा और संबंधित व्यवस्थाओं के तहत बांग्लादेश को तत्काल लगभग 476 मिलियन डॉलर तत्काल मिलेंगे। कुल मिलाकर बांग्लादेश को लगभग 3.3 अरब डॉलर मिलेंगे। इसके अलावा आईएमएफ के कार्यकारी बोर्ड ने बांग्लादेश को जलवायु निवेश के लिए लगभग 1.4 बिलियन डॉलर की मंजूरी दी है, जो इसे एक्सेस करने वाला पहला एशियाई देश है।
देश ने पिछले साल विश्व बैंक और एशियाई विकास बैंक से अपने विदेशी मुद्रा भंडार को बढ़ाने में मदद के लिए 2 अरब डॉलर की मांग की थी। सरकार ने हाल के महीनों में आईएमएफ से संपर्क करते हुए अपने यहां ईंधन और ऊर्जा की कीमतें भी बढ़ाई हैं। इसने बुधवार से खुदरा बिजली की कीमतों में पांच प्रतिशत की वृद्धि की घोषणा की, जो इस महीने की दूसरी वृद्धि है। माना जा रहा है कि हसीना सरकार के इन्हीं प्रयासों की बदौलत आईएमएफ ने बांग्लादेश को लोन दिया है।