prathvi ki khoj kisne ki-पृथ्वी ग्रह की खोज नासा के जेम्स वेब स्पेस टेलिस्कोप ने की

prathvi ki khoj kisne ki-पृथ्वी ग्रह की खोज नासा के जेम्स वेब स्पेस टेलिस्कोप ने की prathvi ki khoj kisne…

prathvi ki khoj kisne ki-पृथ्वी ग्रह की खोज नासा के जेम्स वेब स्पेस टेलिस्कोप ने की

prathvi ki khoj kisne ki- जेम्स वेब स्पेस टेलिस्कोप जो कि नासा की अगली पीढी की वेधशाला है..उसने पृथ्वी की तरह का एक ग्रह खोज निकाला है..दक्षिणी कैलिफोर्निया में नासा की जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी में पोस्टडॅाक्टरल फेलो एमिली गिलबर्ट ने संयुक्त राज्य अमेरिका के सिएटल में अमेरिकन एस्ट्रोनॅामिकल एसोसिएशन की 241 वीं बैठक में अपनी टीम की और से इसके परिणाम प्रस्तुत किए..

इस ग्रह को द एस्ट्रोफिजिकल जर्नल लेटर्स द्वारा खोजा गया..इनके द्वारा खोजे गए इस ग्रह के बारे में एक पेपर में इसे स्वीकार किया गया, जिसके बाद नासा ने अपनी एक्सप्लोनेट एक्सप्लोरेशन की साइट पर इशकी विस्तृत जानकारी साझा की।

जेम्स वेब स्पेस टेलिस्कोप द्वारा खोजे गए इस ग्रह को LHS-475B नाम दिया गया है। वैज्ञानिको के अनुसार एक्सोप्लैनेट पृथ्वी से सिर्फ 41 प्रकाश वर्ष दूर नक्षत्र ओक्टान में है। गौरतलब है कि यह ग्रह हमारे सौर मण्डल से बाहर स्थित है इस लिए एसे ग्रह को एक्सोप्लैनेट या गैर-सौरीय ग्रह कहा जाता है।

वैज्ञानिको के अनुसार यह ग्रह जो सूर्य के तापमान के आधे से भी कम एक लाल बौने तारा है उसकी परिक्रमा करता है । LHS-475B जो की हमारे सौर मंण्डल के किसी भी ग्रह की तुलना में अपने तारे के ज्यादा करीब है। उसे एक पूर्ण कक्षा को पूरा करने में सिर्फ दो दिन का समय लगता है।

LHS-475B नामक यह ग्रह लगभग पृथ्वी के समान है और यह पृथ्वी के व्यास के 99% पर है। जबकि वेब टेलिस्कोप के अवलोकनो ने यह भी संकेत दिया की यह एक्सोप्लैनेट जिसे LHS-475B नाम दिया गया है वह पृथ्वी की तुलना में लगभग 100 डिग्री गर्म है।

खोजकर्ता टीम ने कहा कि , हालांकी यह संभव है कि , ग्रह का कोई वातावरण ही न हो लेकिन कुछ वायुमंडलीय रचनाए मिली है जिन्हे खारिज नही किया जा सकता है। जैसे कि वहां शुध्द कार्बन डाइओक्साइड वातावरण मिलने के संकेत मिले है। उन्हो ने आगे बताया कि, शोध यह निष्कर्ष निकालने के लिए प्रेरित करता है कि यह ग्रह शुक्र की तरह अधिक गर्म है।जिसमे कार्बन डाइओक्साइड का वातावरण है और जो घने बादलों में हंमेशा डूबा रहता है।

कैसे खोजा गया पृथ्वी को ?

शोधकर्ताओं ने पृथ्वी से लगभग 1500000 किमी दूर अंतरिक्ष के निर्वात में एक वर्ष से अधिक समय बिताने के बाद हमारे सौरमंडल के बाहर अपने पहले ग्रह की खोज की पुष्टि की है। इसके लिए शोधकर्ताओं की टिम ने नासा के ट्रांजिटिंग एक्सोप्लैनेट सर्वे सैटेलाइट TESS से रुचि के लक्ष्यो की सावधानीपूर्वक समीक्षा करने के बाद वेब के साथ इस लक्ष्य का निरीक्षण करना चुना, जिससे हमे पता लगा कि पृथ्वी जैसा एक ग्रह सौरमंडल के बाहर अस्तित्व में है। जिसके बाद वेब के नियर-इन्फ्रारेड स्पेक्ट्रोग्राफ NIRSpec ने केवल दो पारगमन प्रेक्षणों के साथ ग्रह को आसानी से और स्पष्ट रूप से कैप्चर किया।

वर्तमान में सभी ओपरेटिंग टेलिस्कोपो के बीच , केवल वेब ही पृथ्वी के आकार के एक्सोप्लैनेट के वायुमंडल को चिन्हित करने में सक्षम है। टीम ने इसके संचरण स्पेक्ट्रम का विश्लेषण करके यह आकलन करने का प्रयास किया कि ग्रह के वातावरण में क्या है जिसके बाद डेटा से पता चला कि यह पृथ्वी के आकार जैसा ही स्थलीय ग्रह है।

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