दो राज्यों के बीच फिर टकराव, तमिलनाडु को पानी छोड़ने पर कर्नाटक में विरोध, आज बेंगलुरु बंद

कावेरी जल विवाद को लेकर दो दक्षिणी राज्य एक बार फिर आमने-सामने आ गए हैं। तमिलनाडु को कावेरी का पानी…

कावेरी जल विवाद को लेकर दो दक्षिणी राज्य एक बार फिर आमने-सामने आ गए हैं। तमिलनाडु को कावेरी का पानी छोड़े जाने को लेकर कर्नाटक में विरोध तेज हो गया है। इस मुद्दे पर आज बेंगलुरु बंद का ऐलान किया गया है। बेंगलुरु में धारा 144 लागू कर दी गई है। शहर के सभी स्कूल और कॉलेज भी बंद कर दिए गए हैं। बंद की घोषणा किसान नेता कुरुबुरु शांताकुमार और अन्य संगठनों के नेतृत्व वाले किसान संगठनों की मुख्य संस्था ‘कर्नाटक जल संरक्षण समिति’ ने की है। शुक्रवार को पूरे कर्नाटक में बंद का ऐलान किया गया है।

कावेरी जल प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा तमिलनाडु को 15 दिनों के लिए 5 हजार क्यूसेक पानी छोड़ने के आदेश के बाद किसान संगठन और कन्नड़ समर्थक संगठन इस फैसले का विरोध कर रहे हैं। ऐसे में कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि उनकी सरकार प्रदर्शनकारियों को नहीं रोकेगी, लेकिन शांति व्यवस्था बनाए रखनी चाहिए।

राज्य के हितों के लिए सरकार प्रतिबद्ध: सीएम सिद्धारमैया

सीएम सिद्धारमैया ने यह भी कहा कि राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट में इस मुद्दे पर सुनवाई के दौरान अपनी ठोस दलीलें रखेगी और सरकार राज्य के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। बीजेपी और जनता दल-सेक्युलर पर कावेरी मुद्दे पर राजनीति करने का आरोप लगाया गया है। तमिलनाडु में किसान संघ ने राज्य सरकार से आज हो रहे विरोध प्रदर्शन को रोकने के लिए केंद्र सरकार से उचित कार्रवाई करने का अनुरोध किया है।

किसान नेता कुरुबुरु शांताकुमार ने कहा कि बंद को लेकर हमें कई संगठनों से समर्थन मिला है और हम इसे आगे बढ़ाएंगे। आज हम बेंगलुरु के फ्रीडम पार्क में प्रदर्शन करेंगे और अपनी मांगों को लेकर वहां धरना देंगे। मुख्यमंत्री को हमारा ज्ञापन लेना ही होगा। यदि हमारे विरोध पर सरकार की ओर से कोई उचित प्रतिक्रिया नहीं मिलती है, तो हम विचार-विमर्श करेंगे और आगे की कार्रवाई पर निर्णय लेंगे।

देवगौड़ा ने पीएम मोदी को लिखा पत्र

जल विवाद के बीच पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा ने पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर अपील की है कि वे जल शक्ति मंत्रालय को कावेरी बेसिन के सभी जल निकायों का अध्ययन करने के लिए एक बाहरी एजेंसी नियुक्त करने का आदेश दें। देवेगौड़ा ने ऐसी स्थितियों में सभी संबंधित राज्यों द्वारा लागू करने के लिए एक उपयुक्त फॉर्मूला बनाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।

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