कम कपड़ों में महिलाओं का उत्तेजक डांस करना अश्लीलता या अनैतिक कार्य नहीं, जानें बॉम्बे हाईकोर्ट ने ऐसा क्यों कहा?

शॉर्ट स्कर्ट, कम कपड़ों में महिलाओं का उत्तेजक डांस करना या इशारे करना कोई अश्लील या अनैतिक कार्य नहीं है,…

बॉम्बे हाईकोर्ट

शॉर्ट स्कर्ट, कम कपड़ों में महिलाओं का उत्तेजक डांस करना या इशारे करना कोई अश्लील या अनैतिक कार्य नहीं है, जो किसी व्यक्ति को परेशान कर सके। यह टिप्पणी बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर पीठ ने की है। इसी के साथ कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि इस तरह का कृत्य आईपीसी की धारा 294 के तहत अश्लीलता नहीं है। हाल ही में नागपुर जिले के तिरखुरा के टाइगर पैराडाइज रिसॉर्ट और वाटर पार्क में एक बैंक्वेट हॉल में पुलिस ने अचानक छापेमारी की थी, जिसमें उस स्थान से पुलिस ने छह महिलाओं को छोटे कपड़े पहने और अश्लील इशारे करते हुए उत्तेजक नृत्य करते हुए पाया गया था।

पुलिस ने पांच लोगों को किया गिरफ्तार

पुलिस ने इस छापेमारी में घटना स्थल से पांच लोगों को गिरफ्तार किया था, जो उत्तेजक डांस कर रही थी। इस मामले मे पुलिस ने आईपीसी की धारा 294 के तहत इन आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। इसके बाद आरोपियों ने FIR रद्द करने की मांग करते हुए हाईकोर्ट का रूख किया था।

बॉम्बे हाईकोर्ट ने खारिज की FIR

इस मामले पर बॉम्बे हाईकोर्ट के न्यायाधीश विनय जोशी और न्यायमूर्ति वाल्मीकि मेनेजेस की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए FIR को खारिज कर दिया और इसी के साथ यह भी कहा कि हमारी सुविचारित राय है कि FIR में उल्लेखित अभियुक्त संख्या 13 से 18 महिला नर्तकियों के कृत्यों में छोटी शॉर्ट, छोटी स्कर्ट पहनना, कम कपड़े पहना या उत्तेजक डांस करना या इशारे करना, जिन्हें पुलिस अधिकारी अश्लील मानती हैं, लेकिन उसे अश्लीलता नहीं कहा जा सकता है। इसी के साथ खंडपीठ ने यह कहा कि वर्तमान भारतीय समाज में प्रचलित नैतिकता और सामान्य मापदंडों के प्रति सचेत हैं, लेकिन वर्तमान समय में महिलाओं के लिए छोटे कपड़े पहनना और नृत्य के समय नकली नोट दिखाना यह काफी आम बात है।

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