संयुक्त किसान मोर्चा का आह्वान- 2020 से भी कहीं बड़े आंदोलन के लिए तैयार हो जाएं किसान

आज किसानों के लिए बेहद खास दिन है, क्योंकि संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले तीन साल बाद हजारों की…

आज किसानों के लिए बेहद खास दिन है, क्योंकि संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले तीन साल बाद हजारों की तादात में किसान दिल्ली के रामलीला मैदान में इकट्ठा हो चुके हैं। वहीं किसानों के नेता दर्शन पाल का कहना है कि करीब हर राज्य में संयुक्त किसान मोर्चा बन चुका है। आंदोलन की तैयारी की घोषणा की जा सकती है।

राजधानी दिल्ली के रामलीला मैदान में आज सुबह से किसान महापंचायत हो रही है। इसी को लेकर कुछ समय पहले कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और किसान नेताओं के साथ बैठक हुई थी। किसान नेता दर्शन पाल का कहना है कि कृषि मंत्री के साथ हुई इस खास बैठक में उन्होंने मांग पत्र पेश किया है, जिसमें इन्होंने बिजली बिल की मांग स्वीकारी है। वहीं सरकार ओलावृष्टि से हुए नुकसान का भी मुआवजा देगी। इन सबके साथ ही MSP, मुकदमों और किसान शहीदों को जल्द मदद मुहैया कराने की बात कही गई है।

Sanyukt Kisan Morcha
सरकार के साथ होगी 30 अप्रैल को बैठक

उन्होंने 30 अप्रैल को मीटिंग रखी है। वहीं अब किसान 2020 से कहीं बड़ा आंदोलन करेंगे। इसके लिए अगर जरूरत पड़ी तो वो अपने राज्य में जाकर आंदोलन की बकायदा तैयारी भी करेंगे। दर्शन पाल का कहना था कि हर एक राज्य से संयुक्त किसान मोर्चा बन गया है। आंदोलन की तैयारी की घोषणा बेहद जल्द की जा सकती है। वहीं इस बारे में किसान नेता राकेश टिकैत का कहना था कि करीब डेढ़ साल बाद दिल्ली में आए और उन्हें एक संदेश गया कि सरकार से जो बातचीत बंद हो गई थी, आज फिर बातचीत शुरू हुई लेकिन उसका परिणाम क्या हुआ है?

आंदोलन तो उन्हें करने ही पड़ेंगे। इसके लिए राज्यों की कमेटी को आंदोलन करने होंगे। उनका कहना था कि जमीन फसल बचाने के लिए आंदोलन होगा। आपको मालूम होगा कि आजादी की लड़ाई 90 सालों तक चली है, जिसे हमारे पूर्वजों ने अपनी आंखों से देखा। एमएसपी पर गारंटी लेनी है तो इसके लिए 13 महीने चले आंदोलन से बड़ा आंदोलन लड़ना पड़ेगा।

आखिर किसान महापंचायत क्यों जरूरी?

आपको मालूम होगा कि संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर के नीचे 3 साल बाद कही आज दिल्ली के रामलीला मैदान में हजारों की तादात में किसान फिर एकजुट हुए है। किसानों की रामलीला मैदान में महापंचायत आज सुबह 10 बजे से शुरू हुई थी और ये दोपहर साढ़े तीन बजे तक चली थी। वहीं इस महापंचायत के लिए करीब 11 राज्यों से ऑल इंडिया किसान मजदूर सभा के लगभग 20 हजार सदस्य रामलीला के मैदान में एकत्रित हुए थे, जिनकी कुल मिलाकर 10 सूत्री मांगे रखी गई है। इसी को लेकर किसान महापंचायत हो रही है।

किसान संगठनों की 10 सूत्री मांगेंः

पहली मांग- स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश पर हो न्यूनतम समर्थन मूल्य।
दूसरी मांग- MSP की कानूनी गारंटी के लिए नई समिति गठित हो।
तीसरी मांग- फर्टिलाइजर और फसलों वर्गों और फसलों की लागत में कमी की मांग।
चौथी मांग- कृषि हेतु फ्री बिजली मुहैया कराई जाए।
पांचवी मांग- लखीमपुर खीरी कांड में एक्शन लिया जाए।
छठी आंदोलन- जान गंवाने वाले किसानों के परिवार को मुआवजा दिया जाए।
सातवी मांग- हर फसल के लिए बीमा और मुआवजा पैकेज दिया जाए।
आठवी मांग- किसानों और खेत मजदूरों के लिए किसान पेंशन योजना संचालित की जाए।
नवी मांग- आंदोलन के दौरान किसानों के विरोध में दर्ज केस को वापस ले लिए जाए।
दसवीं मांग- सिंधु बॉर्डर पर जान गंवाने वाले किसानों के स्मारक के लिए जमीन दी जाए।

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