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- February 27, 2023
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शादी से पहले अपने जीवनसाथी की कुंडली में इस ग्रह की स्थिति जांच लें, तभी मिलेगा वैवाहिक सुख
ज्योतिष शास्त्र में जीवन की समस्याओं को दूर करने के लिए कई उपाय बताए गए हैं। शादी के बाद…
ज्योतिष शास्त्र में जीवन की समस्याओं को दूर करने के लिए कई उपाय बताए गए हैं। शादी के बाद व्यक्ति का जीवन कैसा रहेगा, यह व्यक्ति की कुंडली से अंदाजा लगाया जा सकता है। कुंडली के सप्तम भाव का संबंध जीवनसाथी से माना जाता है। सप्तम भाव में ग्रह की स्थिति आपके पार्टनर और वैवाहिक जीवन के बारे में बता सकती है। पुरुष की कुण्डली में शुक्र और स्त्री की कुण्डली में मंगल और गुरु का संबंध विवाह से होता है। शुक्र ग्रह का संबंध प्रेम जीवन से माना जाता है। शादी के बाद आपके प्यार और निजी जीवन के लिए भी आपकी ग्रहों की स्थिति जिम्मेदार होती है। दांपत्य जीवन के लिए ग्रहों की चाल के बारे में विस्तृत जानकारी यहां दी गई है।
विवाह से पहले कुंडली मिलाई जाती है। सुखी वैवाहिक जीवन के लिए कुंडली मिलान जरूरी है। कुंडली में ग्रहों की स्थिति से वैवाहिक जीवन और यौन जीवन के बारे में भी जाना जा सकता है। अगर कुंडली में शुक्र की स्थिति ठीक नहीं है तो शादी पर बुरा असर होगा। प्रेम का मूल स्वरूप मंगल और शुक्र की स्थिति से ही जाना जा सकता है। यह ग्रह प्रेम विवाह और वैवाहिक जीवन को भी प्रभावित करता है।
पुरुषों के लिए शुक्र पूर्ण रूप से प्रेम का कारक है। इसी वजह से पुरुषों में प्यार बढ़ता है। शुक्र भी स्वराग्रही होने के साथ तुला या मीन राशि में होना चाहिए। ये ग्रह एक साथ हों तो प्रेम विवाह के योग बनते हैं। चंद्र ग्रह को प्रेम का कारक भी माना जाता है। चन्द्रमा का स्वामी मन को माना गया है। यदि यह ग्रह किसी लड़की की कुंडली में गुरु के साथ हो तो परिवर्तन योग हो तो कुंडली के नवम और पंचम भाव में प्रेम योग बनेगा।
नोट- यहां दी गई सभी जानकारियां आम धारणा और जानकारियों पर आधारित हैं।