भारत में गर्मी बनी ‘आपदा’, पीएम मोदी के बाद कैबिनेट सचिव की हाई लेवल मीटिंग, राज्यों को दिए आदेश

इस साल की गर्मी पिछले साल की तुलना में कहीं ज्यादा रहने वाली है और इसके लिए केंद्र सरकार ने…

इस साल की गर्मी पिछले साल की तुलना में कहीं ज्यादा रहने वाली है और इसके लिए केंद्र सरकार ने समय रहते कमर कस लिया है। पहले प्रधानमंत्री मोदी और अब कैबिनेट सचिव ने बड़ी बैठक कर राज्यों को चेतावनी दी है। कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने मंगलवार को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिया कि वे अभी से गर्मी से बचाव के उपाय करें। उन्होंने कहा कि 2023 सामान्य से अधिक गर्म रहने की उम्मीद है। इसे ध्यान में रखते हुए शामिल चुनौतियों का सामना करने के लिए पर्याप्त रूप से तैयार रहें। गौबा ने यह निर्देश आगामी गर्मी की तैयारियों की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए दिए।

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राजीव गौबा ने कहा कि चूंकि 2023 में सामान्य से अधिक गर्म रहने की उम्मीद है, इसलिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को इससे जुड़ी चुनौतियों से निपटने के लिए पर्याप्त रूप से तैयार रहने की जरूरत है।

केंद्रीय एजेंसियां ​​उपलब्ध रहेंगी

तापमान सामान्य से 2-30 डिग्री सेल्सियस अधिक हो सकता है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने भी मार्च से मई 2023 तक के तापमान की जानकारी साझा की है। आईएमडी ने कहा कि इस अवधि के दौरान पूर्वोत्तर, पूर्व और मध्य भारत के अधिकांश हिस्सों और उत्तर पश्चिम भारत के कुछ हिस्सों में अधिकतम तापमान सामान्य से ऊपर रहने की आशंका है। आईएमडी ने यह भी बताया कि दक्षिणी प्रायद्वीपीय भारत को छोड़कर देश के अधिकांश हिस्सों में न्यूनतम तापमान सामान्य से अधिक रहने की आशंका है। केवल दक्षिणी क्षेत्रों में सामान्य तापमान से नीचे रहने की संभावना है। आईएमडी ने आगे बताया कि मार्च के अंतिम सप्ताह के दौरान, भारत-गंगा के मैदानी इलाकों और पूर्वी भारत के कुछ हिस्सों में तापमान सामान्य से 2-30 डिग्री सेल्सियस अधिक हो सकता है।

पीएम मोदी की समीक्षा बैठक

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी गर्मी को लेकर समीक्षा बैठक की थी, जिसमें सभी प्रकार की तैयारी का विवरण प्राप्त किया गया था। अब कैबिनेट सचिव ने बैठक कर राज्यों को चेतावनी दी है। मौसम विभाग ने इस गर्मी में ज्यादातर राज्यों में तापमान 40 डिग्री से ऊपर रहने का अनुमान जताया है।

गौबा ने कहा कि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय (एमओएचएफडब्ल्यू) और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) द्वारा जारी परामर्शों का क्षेत्रीय भाषाओं में अनुवाद किया जा सकता है और बड़े पैमाने पर लोगों तक पहुंचाया जा सकता है। कैबिनेट सचिव ने हैंडपंपों की मरम्मत, फायर ऑडिट और मॉक ड्रिल जैसी बुनियादी तैयारियों के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने राज्यों को आश्वासन दिया कि केंद्रीय एजेंसियां ​​जब भी जरूरत होगी उनके साथ समन्वय बनाए रखेंगी और आवश्यक सहायता के लिए हमेशा उपलब्ध रहेंगी।

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