अयोध्या रेलवे स्टेशन का नाम बदला गया, अब इसे अयोध्या धाम जंक्शन के नाम से जाना जाएगा, ये होगी इसकी खासियत

अयोध्या रेलवे स्टेशन का नाम बदला गया- राम नगरी अयोध्या रेलवे स्टेशन का नाम बदल दिया गया है। रेलवे स्टेशन…

अयोध्या रेलवे स्टेशन का नाम बदला गया- राम नगरी अयोध्या रेलवे स्टेशन का नाम बदल दिया गया है। रेलवे स्टेशन अब ‘अयोध्या धाम’ के नाम से जाना जाएगा। जानकारी के मुताबिक, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दो दिन पहले निरीक्षण के दौरान स्टेशन का नाम अयोध्या धाम रखने की इच्छा जताई थी। रेलवे ने स्टेशन का नाम बदलने का आदेश जारी किया। अब से अयोध्या जंक्शन को अयोध्या धाम जंक्शन के रूप में जाना जाएगा। राम मंदिर निर्माण के मद्देनजर रामनगरी में भक्तों की बढ़ती संख्या को देखते हुए अयोध्या जंक्शन स्थित पुराने भवन को नया लुक दिया गया है।

अयोध्या स्टेशन को नागर शैली में डिजाइन किया गया है। इस स्टेशन को एक बार देखने पर आपको ऐसा लगेगा मानो आप राम मंदिर में खड़े हों। यहां से उतरकर आप आसानी से राम मंदिर तक पहुंच सकते हैं। यहां पैसेंजर और एक्सप्रेस ट्रेनें दोनों आती हैं।

जनवरी से श्रद्धालुओं के लिए खोला जाएगा

अयोध्या धाम रेलवे स्टेशन तैयार है और 1 जनवरी से आम श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया जाएगा। 30 दिसंबर को प्रधानमंत्री मोदी अयोध्या धाम रेलवे स्टेशन का उद्घाटन करेंगे। वंदे भारत और अमृत भारत ट्रेन अयोध्या धाम रेलवे स्टेशन से हरी झंडी दिखाकर रवाना होंगी। इसके अलावा प्रधानमंत्री मोदी श्रीराम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का भी उद्घाटन करेंगे।

लिफ्ट और एस्केलेटर लगाए गए

रेलवे ने रामनगरी की गरिमा को ध्यान में रखते हुए अयोध्या जंक्शन का विस्तार किया। राम मंदिर निर्माण के मद्देनजर रामनगरी में श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए अयोध्या जंक्शन के पुराने भवन को नया रूप दिया गया। करोड़ों रुपये की लागत से रेलवे स्टेशन की इमारत को मंदिर के रूप में विकसित किया गया है। यात्रियों के लिए आधुनिक सुविधाएं भी सुनिश्चित की गईं। लिफ्ट और एस्केलेटर लगाए गए हैं।

50 हजार यात्रियों के बैठने की क्षमता

अयोध्या रेलवे स्टेशन का नाम बदला गया- इस स्टेशन की क्षमता लगभग 50 हजार यात्रियों को बैठाने की है। 30 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसका उद्घाटन करेंगे। आर्किटेक्ट नमित ने कहा कि यह डिजाइन भारतीय मंदिर वास्तुकला सौंदर्यशास्त्र के स्पर्श के साथ आधुनिकता का मिश्रण है। रेलवे स्टेशनों को दिन के समय कम रोशनी की जरूरत होगी, क्योंकि इसे इस तरह से डिजाइन किया गया है कि इसे पूरे दिन पर्याप्त प्राकृतिक रोशनी मिलेगी। जल उपलब्धता के लिए वर्षा जल संचयन का विकास किया गया है।

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