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- December 4, 2023
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इस महीने आसमान से होगी सितारों की बारिश, हर घंटे टूटेंगे 100-150 स्टार्स; जानें दिलचस्प खगोलीय घटना के बारे में
इस महीने आसमान से होगी सितारों की बारिश-वैज्ञानिकों ने बताया है कि इस महीने की 13 और 14 तारीख के…
इस महीने आसमान से होगी सितारों की बारिश-वैज्ञानिकों ने बताया है कि इस महीने की 13 और 14 तारीख के बीच आसमान में टूटते सितारों की बारिश होने वाली है। हर घंटे आसमान में 100 से 150 तारे टूटेंगे।
आपने आसमान में टूटते सितारे के बारे में तो देखा, सुना और पढ़ा होगा। लेकिन क्या हो अगर आपको सैकड़ों सितारे एक साथ टूटते दिखाई दे। कुछ ऐसा ही हैरान करने वाला दावा वैज्ञानिकों ने किया है। उत्तराखंड के नैनीताल में स्थित एरीज (आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान) के वैज्ञानिक डॉ. वीरेंद्र यादव ने दावा किया कि बड़े पैमाने पर इसी महीने की 13 और 14 तारीख के बीच तारों की बारिश होने वाली है। हर घंटे आसमान में 100 से 150 तारे टूटेंगे।
नैनीताल स्थित एरीज (आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान) के वैज्ञानिक डॉ. वीरेंद्र यादव के मुताबिक, इस खगोलीय घटना का नाम ‘जेमिनीड उल्कापात’ है। डॉ. यादव के अनुसार, यह प्रक्रिया नवंबर से शुरू हुई है जो 24 दिसंबर तक जारी रहेगी। बता दें कि, ‘टूटते तारों’ के नाम से भी इस खगोलीय घटना को पहचाना जाता है। हालांकि, इस घटना का वास्तविक तारों से कोई सीधा संबंध नहीं है। यह आसमान में गुजरते उल्काओं का जलता हुआ मलबा भर है। इन उल्काओं को धरती से देखने पर तारे टूटने जैसा एहसास होता है।
पृथ्वी से महज 120 किमी की उंचाई पर होगी घटित
वैज्ञानिकों ने बताया है कि जब पृथ्वी के मार्ग पर धूमकेतु का मलबा आ जाता है तो वह पृथ्वी के वातावरण के सम्पर्क में आकर जलने लगता है। इसके कारण आसमान में आतिशबाजी जैसा नजारा देखने को मिलता है। पृथ्वी से महज 100 से 120 किमी की ऊंचाई पर यह खगोलीय घटना होती है। बता दें कि, क्षण भर के लिए ही टूटते तारों का यह अद्भुत नजारा नजर आता है और पलक झपकते ही ओझल भी हो जाता है।
उल्कापात का नाम इस आधार पर रखा गया
एरीज के वैज्ञानिक डॉ. यादव के मुताबिक, आमतौर पर उल्कापात का नाम उस तारामंडल या नक्षत्र के नाम पर रखा जाता है, जहां से यह आता है। जेमिनीड उल्कापात का नाम भी इसी आधार पर मिथुन राशि यानि जेमिनी तारामंडल के नाम पर रखा गया है।