इस गांव को कहा जाता है ‘यूट्यूबर्स का गांव’, पूरे गांव की होती है इससे कमाई

पिछले कुछ सालों में कमाई का जरिया काफी बदल गया हैं। अब लोग नौ से पांच की नौकरियों की बजाय…

पिछले कुछ सालों में कमाई का जरिया काफी बदल गया हैं। अब लोग नौ से पांच की नौकरियों की बजाय क्रिएटिव फील्ड में दिलचस्पी दिखा रहे हैं। 2020 के बाद से, YouTube वीडियो के माध्यम से कमाई करने वालों की संख्या में भारी वृद्धि हुई है। छत्तीसगढ़ के रायपुर में एक गांव ऐसा है, जहां की 4000 की आबादी में 1000 लोगों ने यूट्यूब चैनल को अपनी कमाई का जरिया बना लिया है।

हर साल लाखों भारतीय युवा सरकारी नौकरी का सपना देखते हैं। बैंक, यूपीएससी, स्टेट सिविल सर्विस आदि में नौकरी पाना उनके लिए किसी मील के पत्थर से कम नहीं है। लेकिन इन दिनों लोगों का ध्यान सरकारी नौकरी से हटकर ऑफबीट करियर विकल्पों की ओर जा रहा है। इसमें भी यूट्यूब वीडियो को कमाई का सबसे बड़ा जरिया माना जा रहा है।

 

Youtubers
जाना जाता है यूट्यूबर्स का गांव

छत्तीसगढ़ के रायपुर में स्थित तुलसी गांव को यूट्यूबर्स का गांव कहा जाता है। इस गांव में करीब 432 परिवार रहते हैं। इनकी आबादी 3000-4000 के बीच है। इनमें से 1000 लोग YouTube के जरिए अपनी कमाई कर रहे हैं। इस गांव में रहने वाले 5 साल के बच्चे से लेकर 85 साल की दादी तक यूट्यूब पर एक्टिव हैं। गांव में यूट्यूब की दीवानगी दो दोस्तों ने शुरू की थी, जिसकी कहानी अपने आप में काफी दिलचस्प है।

यूट्यूब चैनल किया शुरू

तुलसी गांव में रहने वाले दो दोस्तों जय और ज्ञानेंद्र ने 2016 में एक यूट्यूब चैनल शुरू किया था। बचपन से ही एक्टिंग का शौक रखने वाले जय वर्मा एक कोचिंग सेंटर चलाते थे, जहां वे 11वीं से लेकर बीएससी तक के बच्चों को पढ़ाते थे। इसके बाद वह पड़ोस में रहने वाले ज्ञानेंद्र के साथ कॉमेडी वीडियो यूट्यूब पर अपलोड करने लगा। जबकि, ज्ञानेंद्र एसबीआई में इंजीनियर थे। उन्हें बैंक से हाई स्पीड इंटरनेट मिला। उन्होंने YouTube वीडियो देखते हुए खुद को बनाना भी शुरू कर दिया।

क्रिएटिव लोगों की कमी नहीं

रायपुर के तुलसी गांव में क्रिएटिव लोगों की कमी नहीं है। इन दोनों दोस्तों को ग्रामीणों का काफी समर्थन मिल रहा है। चाहे कॉमेडी का तड़का लगाना हो या अपने वीडियो में ज्ञान का भंडार डालना हो, गांव के बच्चों से लेकर बड़ों तक, वे हमेशा अपनी राय देने के लिए तैयार रहते हैं। अब गांव के लोग 40-50 चैनल बना चुके हैं। पहले ये लोग मोबाइल फोन पर शूटिंग करते थे लेकिन अब उनके पास कैमरे और शूटिंग के अन्य उपकरण तक पहुंच है।

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