UN Report On Climate Change: प्रेग्नेंट वूमेन एवं बच्चों पर जलवायु परिवर्तन का गंभीर असर, यूएन ने चेताया

UN Report On Climate Change: प्रेग्नेंट वूमेन एवं बच्चों पर जलवायु परिवर्तन का गंभीर असर, यूएन ने चेताया जलवायु परिवर्तन…

UN Report On Climate Change: प्रेग्नेंट वूमेन एवं बच्चों पर जलवायु परिवर्तन का गंभीर असर, यूएन ने चेताया

UN Report On Climate Change: प्रेग्नेंट वूमेन एवं बच्चों पर जलवायु परिवर्तन का गंभीर असर, यूएन ने चेताया
जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र ने चिंता जाहिर की है और कहा है कि गर्भवती महिलाओं एवं बच्चों पर जलवायु परिवर्तन से होने वाले सबसे अधिक नकारात्मक असर को नजरअंदाज किया जाता है।

जलवायु परिवर्तन पर अध्ययन कर रही संयुक्त राष्ट्र की एजेंसियों ने दावा किया है कि पूरी दुनिया में जलवायु परिवर्तन का सबसे ज्यादा असर गर्भवती महिलाओं एवं बच्चों की सेहत पर पड़ता है। दुबई में COP 28 के सम्मेलन से पहले मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों द्वारा जारी कॉल फॉर एक्शन में कहा गया है कि गर्भवती महिलाएं, बच्चे एवं शिशुओं पर हमेशा जलवायु परिवर्तन की असर को देखा गया है।

यूएन की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि ऐसे बहुत कम देश हैं, जिनकी जलवायु परिवर्तन की एक्शन रिपोर्ट, महिलाओं एवं बच्चों की सेहत पर हो रहे गंभीर असरों के बारे में जिक्र करती है। रिपोर्ट में बच्चों एवं महिलाओं की सेहत एवं कार्बन गैस उत्सर्जन को कम करने के लिए सुरक्षा उपायों पर जोर दिया गया है।

खतरनाक बीमारियों का प्रसार बढ़ रहा

बता दें कि इस बात पर आयलवर्ड ने जोर दिया है कि जलवायु परिवर्तन की नकारात्मक असर की वजह से साल 2023 में कई प्राकृतिक आपदाओं का सामना करना पड़ा है। इसमें जंगल की आग, बाढ़, लू एवं खास तौर पर सूखे की वजह से लोगों को विस्थापित होने के लिए मजबूर होना पड़ा था। फसलों का भी नुकसान हुआ एवं पालतू जानवर भी मौत के साए में रहे हैं। उन्होंने कहा कि अत्यधिक गर्म होती दुनिया एवं लगातार बिगड़ती हवा की गुणवत्ता में हैजा, मलेरिया एवं डेंगू जैसी खतरनाक बीमारियों का प्रसार बढ़ रहा है। यह प्रेंग्नेंट महिलाएं एवं बच्चों के लिए घातक है।

मां के गर्भ में ही जलवायु परिवर्तन का असर

संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों की रिपोर्ट से यह भी पता चला है कि मां के गर्भ में ही जलवायु परिवर्तन का असर शुरू हो जाता है। इससे गर्भावस्था से संबंधित समस्याएं जैसे कि समय से पहले बच्चे का जन्म होना, कम वजन एवं मृत बच्चे का जन्म भी हो सकता है। बता दें कि रिपोर्ट में कहा गया है कि इसका असर गर्भ में प्रभावित होने वाले बच्चों पर जीवनभर रहता है, जिसके कारण उनके शरीर एवं मस्तिष्क का विकास प्रभावित हो सकता है।

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