वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में गिनाई 7 प्राथमिकताएं, खेती से लेकर शिक्षा पर होंगे करोड़ों खर्च

आम बजट 2023 पेश करने के दौरान वित्त मंत्री का कहना था कि भारतीय अर्थव्यवस्था अब सही रास्ते पर है…

आम बजट 2023 पेश करने के दौरान वित्त मंत्री का कहना था कि भारतीय अर्थव्यवस्था अब सही रास्ते पर है और उज्जवल भविष्य की ओर अग्रसर है। वर्तमान समय के लिए हमारी अर्थव्यवस्था की दर सात फीसदी रहने की अनुमान है। ये विश्व की अन्य बड़ी अर्थव्यवस्थाओं को देखते हुए सबसे अधिक है। वित्त मंत्री का कहना था कि दुनिया ने भारतीय अर्थव्यवस्था को चमकता हुआ सितारा मान रही है। उनके मुताबिक भारत की अर्थव्यवस्था सही दिशा में गतिशीलता पूर्वक चल रही है और वो सुनहरे भविष्य की तरफ अग्रसर है। इसी समय वित्त मंत्री ने इस बजट की सात प्राथमिकताएं भी बताईं। निर्मला सीतारमण ने कहा कि केंद्रीय बजट के सात निर्धारित लक्ष्य है जिसे उन्होंने सप्तऋषि का दर्जा दिया है।

budget-20231. समावेशी विकास
2. वंचितों को वरीयता
3. बुनियादी ढांचे और निवेश
4. क्षमता विस्तार
5. हरित विकास।
6. युवा शक्ति
7. वित्तीय क्षेत्र

खाद्यान्न योजना पर 2 लाख करोड़ रुपए

बजट भाषण के दौरान वित्त मंत्री का कहना था कि वर्तमान वर्ष के लिए हमारी अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 7 फीसदी रहने तक की अनुमानित की गई है, जोकि दुनियाभर की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में सबसे आगे है। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत 2 लाख करोड़ रुपए का खर्च केंद्र सरकार के जरिए उठाया जा रहा है। अंत्योदय योजना के अंतर्गत गरीबों को मुफ्त खाद्यान्न की आपूर्ति को अब एक और साल के लिए बढ़ा दिया गया है।

किसानों को मिलेगी डिजिटल ट्रेनिंग

पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन पर बल देते हुए कृषि ऋण को बढ़ाकर 20 लाख करोड़ रुपए कर दिया गया है। यही नहीं, कृषि से जुड़े स्टार्टअप को प्राथमिकता दी जाएगी। युवा उद्यमियों के जरिए कृषि स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए एग्रीकल्चर एक्सीलेटर फंड बनाए जाने की योजना है। वहीं, कपास की खेती के लिए पीपीपी मॉडल तैयार किया जाएगा। किसानों को डिजिटल ट्रेनिंग प्रदान की जाएगी। सरकार का लक्ष्य रोजगार पैदा करने की ओर अधिक है।

इंजीनियरिंग कॉलेज के लिए 100 लैब

इस साल के बजट में रेलवे के लिए 2.40 लाख करोड़ रुपए का प्रावधान रखा गया है। यही नहीं, पूंजी निवेश परिव्यय 33% से वृद्धि करके बढ़ाकर 10 लाख करोड़ किया जाना तय हुआ है, जोकि असल में सकल घरेलू उत्पाद का 3.3% होगा। कोरोना महामारी से प्रभावित MSME को भी विशेष तौर पर राहत दी जाएगी। इन सबके अलावा 5G पर रिसर्च के लिए इंजीनियरिंग कॉलेज में 100 की तादाद में लैब तैयार होगी। वहीं, बच्चों और युवाओं की शिक्षा को ध्यान में रखते हुए नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी स्थापित की जाएगी। 2014 से अब तक के 157 मेडिकल कॉलेजों के साथ कोलोकेशन में 157 नए नर्सिंग कॉलेज स्थापित करने का लक्ष्य है।

पिछड़ी जातियों के विकास पर खर्च

वित्त मंत्री के नेतृत्व में पेश किए गए इस खास बजट में सबका साथ सबका विकास जुमले पर विशेष बल दिया गया है। बजट में पिछड़ा वर्ग, महिलाएं, दिव्यांग के बहुमुखी विकास पर खासा जोर दिया गया है। पिछड़ी जातियों में एससी और एसटी के विकास के लिए भी तमाम कोशिशें की गई हैं। आपको बता दें कि पीएम आवास योजना के तहत होने वाले खर्च बढ़ाकर 79,000 करोड़ रुपए से ज्यादा कर दिया गया है। वित्त मंत्री ने कहा कि अगले तीन वर्ष में, सरकार आदिवासी छात्रों को समर्थन देने वाले करीब 740 एकलव्य मॉडल स्कूलों के लिए 38,800 शिक्षकों और सहायक कर्मचारियों को नियुक्त करने के लिए संकल्पबद्ध है।

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