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  • August 21, 2023
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11 शुक्रवार करें यह व्रत, महालक्ष्मी पूरी करेगी हर मनोकामना

हिंदू धर्म में शुक्रवार का दिन धन और समृद्धि की दाता देवी लक्ष्मी को समर्पित माना जाता है। शुक्रवार के…

वैभव लक्ष्मी व्रत कब शुरू करें

हिंदू धर्म में शुक्रवार का दिन धन और समृद्धि की दाता देवी लक्ष्मी को समर्पित माना जाता है। शुक्रवार के दिन मां लक्ष्मी की पूजा करने से सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है। साथ ही शुक्र ग्रह भी मजबूत होता है। शास्त्रों में माता लक्ष्मी के अलग-अलग रूप बताए गए हैं। जैसे महालक्ष्‍मी गजलक्ष्‍मी वैभव लक्ष्‍मी आदि। यह धन और ऐश्वर्य की प्राप्ति के लिए वैभव लक्ष्मी व्रत के महत्व को दर्शाता है। शुक्रवार को यह व्रत किया जाता है। यह व्रत करने वाले के घर में सदैव माता लक्ष्मी का वास रहता है।

वैभव लक्ष्मी व्रत कब शुरू करें

वैभव लक्ष्मी व्रत किसी भी माह के शुक्ल पक्ष के शुक्रवार से शुरू किया जा सकता है। लेकिन इस व्रत को खरमास के दौरान शुरू न करें। वैभव लक्ष्मी व्रत कम से कम 11 या 21 शुक्रवार को किया जाता है।

वैभव लक्ष्मी व्रत अनुष्ठान

वैभव लक्ष्मी व्रत करने वाले को शुक्रवार की सुबह जल्दी उठकर स्नान करना चाहिए और साफ कपड़े पहनने चाहिए। इसके बाद घर के मंदिर में दीपक जलाएं और भगवान के सामने हाथ जोड़कर संकल्प लें। इसके बाद शाम को शुभ मुहूर्त में वैभव लक्ष्मी माता की पूजा करें। पूजा के लिए घर की पूर्व दिशा में गंगाजल छिड़कें और उस स्थान को पवित्र करें। एक लकड़ी की पाट पर लाल कपड़ा बिछाकर वैभव लक्ष्मी की मूर्ति या फोटो स्थापित करें। साथ ही श्रीयंत्र की स्थापना करें। इसके बाद मां वैभव लक्ष्मी की कंकू चावल से पूजा करें। माता लक्ष्मी के सामने जल से भरा कलश रखें और उसके ऊपर एक कटोरा रखें और उसमें एक चांदी का सिक्का या कोई आभूषण रखें। उनकी भी पूजा करें। इसके बाद वैभव लक्ष्मी माता को खीर का भोग लगाएं। पूजा के बाद वैभव लक्ष्मी व्रत की कथा सुनें और आरती करें।

वैभव लक्ष्मी व्रत के नियम

वैभव लक्ष्मी का व्रत करने वाले को फलाहार करना चाहिए। कई लोग इस व्रत के दौरान एक समय भोजन भी करते हैं, लेकिन इस दिन सात्विक भोजन करने पर ध्यान दें। इस दिन खट्टा खाना वर्जित है।

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