मोदी सरकार ने 59 साल पुराने ‘नेहरू मेमोरियल म्यूजियमट का नाम क्यों बदला, जाने इसके पीछे की कहानी

भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने जिस परिसर में अपनी अंतिम सांस ली और जिसे उनकी यादों को संजोने…

भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने जिस परिसर में अपनी अंतिम सांस ली और जिसे उनकी यादों को संजोने के लिए जाना जाता है, अब तक उसे नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी (NMML) कहा जाता था। लेकिन अब इसका नाम बदल दिया गया है। अब इसे प्राइम मिनिस्टर्स म्यूजियम एंड सोसाइटी (PMMS) कहा जाएगा। 16 जून 2023, गुरुवार को नेहरू मेमोरियल म्यूजियम यानी नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी (NMML) सोसायटी की एक बैठक में यह फैसला लिया गया है। इस बैठक के अध्यक्षता रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की, जो सोसाइटी के उपाध्यक्ष हैं।

Why did the Modi government change the name of the 59-year-old Nehru Memorial Museum, know the story behind it

नेहरू मेमोरियल म्यूजिक एंड लाइब्रेरी भारत सरकार के सांस्कृतिक मंत्रालय के तहत एक संस्था थी, जो दिल्ली के तीन मूर्ति मार्ग पर स्थित है, जहां देश के पत्रकार, लेखक, रिसर्च स्टूडेंट, पंडित जवाहरलाल नेहरू के समय की सरकारों और उनकी नीतियों और समकालीन देशों की किताबों का अध्ययन करते हैं।

नेहरू मेमोरियल का इतिहास

ब्रिटिश शासन के दौरान 1929-30 में एडविन लुटियंस के शाही राजधानी के हिस्से के रूप में इस परिसर का निर्माण किया गया था। यह उस समय तीन मूर्ति हाउस भारत में कमांडर-इन-चीफ का आधिकारिक निवास था। लेकिन अगस्त 1948 में यह स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का आधिकारिक निवास बनाया गया। यहां पर पंडित जवाहरलाल नेहरू ने 27 मई 1964 तक, यानी 16 वर्षों तक यहां पर रहे। उनके निधन के बाद उस समय की तत्कालीन सरकार ने इस परिसर को देश के प्रथम प्रधानमंत्री को समर्पित करने का फैसला किया ।

मनमोहन सिंह ने नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा

खबरों के अनुसार, 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेहरू मेमोरियल म्यूजियम को भारत के सभी प्रधानमंत्रियों को समर्पित और एक संग्रहालय स्थापित करने का विचार किया था। NMML कार्यकारी परिषद की बैठक 25 नवंबर 2016 को अपनी 162वीं बैठक में इसे मंजूरी दी थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 21 अप्रैल 2022 को इसका उद्घाटन किया था। लेकिन कांग्रेस के विरोध के बावजूद भी नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी परिसर को प्रधानमंत्री संग्रहालय बनाया गया था। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने इस पर विचार पर चिंता जताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र भी लिखा था।

नेहरू मेमोरियल म्यूजियम का नाम क्यों बदला गया?

कार्यकारी परिषद में देश के सभी पूर्व प्रधानमंत्रियों के कार्यकाल के दौरान उनकी उपलब्धियों और तत्कालिक सरकार की प्रगति और अन्य गतिविधियों को प्रतिबंधित करने के लिए यह संग्रहालय है। यह म्यूजियम स्वतंत्र भारत के लोकतंत्र की सामूहिक यात्रा को और राष्ट्र निर्माण में प्रत्येक प्रधानमंत्री की योगदान को दर्शाता है। नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी का नाम बदलकर प्राइम मिनिस्टर म्यूजियम एंड सोसाइटी (PMMS) रखा गया है। इसके साथ ही इस संग्रहालय को अपडेट किया गया है।

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