जापान और दक्षिण कोरिया के साथ अमेरिका की मुलाकात को क्यों माना जा रहा है निर्णायक मोड़?

राष्ट्रपति जो बिडेन ने वाशिंगटन डीसी में एशिया के दो शक्तिशाली देशों के राष्ट्रपतियों से मुलाकात की। दरअसल, जो बाइडेन…

जापान और दक्षिण कोरिया के साथ अमेरिका की मुलाकात

राष्ट्रपति जो बिडेन ने वाशिंगटन डीसी में एशिया के दो शक्तिशाली देशों के राष्ट्रपतियों से मुलाकात की। दरअसल, जो बाइडेन ने दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति इउन सुक येओल और जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा से मुलाकात की। इस ऐतिहासिक शिखर सम्मेलन में तीनों नेताओं ने सहयोग को बढ़ावा देने के लिए उठाए जाने वाले कदमों पर बात की। उन्होंने अपने देशों की त्रिपक्षीय साझेदारी को एक नए युग के रूप में वर्णित किया। इस मुलाकात को अहम मोड़ कहा जा रहा है।

बाइडन, सुक येओल और किशिदा की मुलाकात को निर्णायक मोड़ कहने का सबसे बड़ा कारण दक्षिण कोरिया और जापान के बीच संबंध हैं। दक्षिण कोरिया और जापान के बीच रिश्ते पिछले कुछ समय से तनावपूर्ण चल रहे हैं, लेकिन दोनों देशों के राष्ट्रपतियों की मुलाकात के बाद रिश्ते सामान्य होते दिख रहे हैं। एक वजह यह भी है कि तीनों देश एशिया-प्रशांत में चीन के बढ़ते प्रभुत्व से चिंतित हैं। इसके अलावा उत्तर कोरिया लगातार मिसाइल परीक्षण भी कर रहा है। ये कुछ ऐसी बातें हैं जो तीनों देशों को एक साथ लायी है।

चीन-उत्तर कोरिया की आलोचना

तीनों देशों की ओर से जारी एक संयुक्त बयान में कहा गया है कि हम क्षेत्रीय सुरक्षा बनाए रखने, इंडो-पैसिफिक कनेक्टिविटी को मजबूत करने और आम समृद्धि को बढ़ावा देने के अपने संकल्प पर कायम हैं। इसके साथ ही दक्षिण चीन सागर में चीन की हरकतों और उत्तर कोरिया के परमाणु कार्यक्रम को लेकर भी दोनों देशों की आलोचना की गई। माना जा रहा है कि चीन ही वो मुख्य वजह है, जो तीनों देशों को एक-दूसरे के करीब ले आया है।

बैठक को निर्णायक मोड़ क्यों कहा गया?

बाइडन ने सुक येओल और किशिदा की प्रशंसा करते हुए कहा कि दोनों ने एक-दूसरे के देशों के बीच तनाव के मुद्दों को सुलझाया है। दक्षिण कोरिया और जापान के बीच रिश्ते तनावपूर्ण हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि 1910-1945 तक कोरियाई प्रायद्वीप पर जापान का कब्जा था। इस बीच, कोरियाई लोगों पर अत्याचार किया गया। अमेरिका चाहता है कि दोनों देश अपनी कड़वाहट भुलाकर एक साथ आएं।

Related post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *