इतिहास में पहली बार होगी शीतकालीन चारधाम यात्रा, 27 दिसंबर को होगा शुभारंभ

उत्तराखंड सरकार ने इतिहास में पहली बार ऐतिहासिक शीतकालीन चारधाम यात्रा आयोजित करने का फैसला किया है। चारधाम यात्रा आमतौर…

उत्तराखंड सरकार ने इतिहास में पहली बार ऐतिहासिक शीतकालीन चारधाम यात्रा आयोजित करने का फैसला किया है। चारधाम यात्रा आमतौर पर गर्मियों में आयोजित की जाती है। यात्रा का शुभारंभ जगद्गुरु शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद करेंगे। शंकराचार्य के प्रतिनिधियों ने रविवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात की। मुख्यमंत्री ने चारधाम यात्रा की शुभकामनाएं दी हैं। 7 दिवसीय शीतकालीन चारधाम यात्रा 27 दिसंबर को शुरू होगी, जबकि इसका समापन 2 जनवरी को हरिद्वार में होगा।

ज्योतिर्मठ प्रतिनिधि मंडल ने सीएम धामी को आमंत्रित किया

ज्योतिर्मठ के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री धामी से मुलाकात कर उन्हें शीतकालीन चारधाम यात्रा का निमंत्रण दिया है। आदिगुरू शंकराचार्य द्वारा ढाई हजार वर्ष पूर्व स्थापित परंपराओं को आगे बढ़ाने के लिए शंकराचार्य शीतकालीन धर्मस्थलों की यात्रा कर रहे हैं। आदिगुरु शंकराचार्य परंपरा के इतिहास में पहली बार ज्योतिपीठ के आचार्य चारधाम के तीर्थों की यात्रा कराई जाएगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शंकराचार्य की तीर्थयात्रा का इतिहास बताते हुए कहा कि उनकी तीर्थयात्रा से चारधाम की शीतकालीन यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में वृद्धि होगी।

जगतगुरु शंकराचार्य जी का तीर्थयात्रा कार्यक्रम

ज्योतिर्मठ के मीडिया प्रभारी डॉ. ब्रिजेश सती ने बताया कि शंकराचार्य की यात्रा की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। चारधाम यात्रा 27 दिसंबर को सुबह 8 बजे हरिद्वार से शुरू होगी और परंपरा के अनुसार सबसे पहले खरसाली गांव के यमुना मंदिर में यमुनाजी की पूजा की जाएगी, फिर 28 दिसंबर को यात्रा खरसाली गांव से शुरू होकर उत्तरकाशी होते हुए गंगाजी के दर्शन करेगी। 29 दिसंबर को मुखवा गांव के गंगाजी के पूजन स्थल पर पहुंचेंगे। 30 दिसंबर को उत्तरकाशी विश्वनाथ के दर्शन के बाद ओंकारेश्वर यात्रा पर भगवान केदारनाथ के दर्शन स्थल पहुंचेंगे। फिर यह यात्रा बद्रीनाथ की तपस्थली जोशीमठ पहुंचेगी। चारधाम यात्रा के दर्शन के बाद जगतगुरु शंकराचार्य शिष्यों के साथ दो जनवरी को यात्रा का समापन करने हरिद्वार पहुंचेंगे।

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