टमाटर, प्याज के बाद अब लहसुन ने लोगों की बढ़ाई परेशानी, आसमान छू रहे दाम; जानिए नई कीमत

लहसुन ने लोगों की बढ़ाई परेशानी-टमाटर, प्याज के बाद अब लहसुन के भाव सातवें आसमान पर पहुंच चुका है। रिटेल…

टमाटर, प्याज के बाद अब लहसुन ने लोगों की बढ़ाई परेशानी, आसमान छू रहे दाम; जानिए नई कीमत

लहसुन ने लोगों की बढ़ाई परेशानी-टमाटर, प्याज के बाद अब लहसुन के भाव सातवें आसमान पर पहुंच चुका है। रिटेल मार्केट में लहसुन की कीमत 300 से लेकर 350 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गई है। मौसम की मार ने लहसुन का जायका बिगाड़ा है। इस कारण से आपूर्ति में गिरावट आई है। रिपोर्ट्स के अनुसार देश के कई इलाकों में लहसुन की कीमत पिछले 6 हफ्तों में दोगुनी हो गई है।

इस समय थोक बाजार में और मंडियों में अच्छी क्वालिटी का लहसुन 220 से 250 रुपए प्रति किलो पर बिक रहा है, जबकि औसत थोक दाम 130 से 140 प्रति किलोग्राम है। महाराष्ट्र में अब तक मुंबई के थोक व्यापारी गुजरात और मध्य प्रदेश और राजस्थान से लहसुन खरीद रहे हैं। ऐसे में लहसुन की कीमतें और बढ़ने की आशंका जताई जा रही है।

आपूर्ति में बड़ी गिरावट

रिपोर्ट से मुताबिक, दक्षिण भारत के राज्यों से लहसुन की आवक काफी कम हो गई है, जिसके कारण लहसुन की कीमतों पर असर पड़ रहा है। कारोबारी के अनुसार ऊंटी और मालापुरम से आपूर्ति में काफी गिरावट आई है, जिससे महंगाई काफी बढ़ गई है। पिछले महीने की तुलना में कीमतें इस सीजन में उच्चतम स्तर तक पहुंच गई है और अक्टूबर नवंबर में बेमौसम बारिश के कारण कई हिस्सों में फसल बर्बाद हो गई, जिसके कारण से कीमतों में काफी उछाल आया है।

स्टॉक निचले स्तर पर

इसके अलावा आने वाले समय में अभी लहसुन की कीमतों में राहत नहीं मिलने वाली है। ईटी ने बताया कि इसकी एक प्रमुख वजह लहसुन स्टॉक का निचले स्तर पर पहुंचना है। ऐसे में कीमतें और बढ़ाने की आशंका जताई जा रही है, जिसका असर रिटेलर और थोक दोनों ही बाजारों में देखने को मिलेगी। इसके अलावा केंद्र द्वारा प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध की घोषणा के बाद से प्याज किसानों में नाराजगी बढ़ गई है, जिसका असर सप्लाई पर देखने को मिल रहा है। जिले के थोक बाजारों में नीलामी अनिश्चितकाल के लिए रोकने का फैसला लिया गया है।

व्यापारी संघ के अध्यक्ष की प्रतिक्रिया

नासिक जिला प्याज व्यापारी संघ के अध्यक्ष खंडू देवरे ने न्यूज एजेंसी से कहा कि सरकार को निर्यात पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लेने से पहले कम से कम एक सप्ताह का अल्टीमेट देना चाहिए था। सभी व्यापारी अब भ्रमित हैं और उन्होंने नीलामी रोकने का फैसला लिया है। व्यापारी नियमित होने पर फिर से नीलामी शुरू करेंगे और किसानों ने शुक्रवार को नासिक में लासलगांव, चंद्रवाड़ा, नंदगांव, डिंडोरी, येवला और उमराने और अन्य स्थानों पर प्याज मंडियों में नीलामी बंद कर दी गई है।

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