- अंतरराष्ट्रीय
- August 11, 2023
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जेट इंजन टेक्नोलॉजी ट्रांसफर पर बाइडेन ने पूरा किया अपना वादा, जानें भारत में कब शुरू होगा काम?
जेट इंजन टेक्नोलॉजी ट्रांसफर पर बाइडेन ने पूरा किया अपना वादा, जानें भारत में कब शुरू होगा काम? पीएम नरेंद्र…
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जेट इंजन टेक्नोलॉजी ट्रांसफर पर बाइडेन ने पूरा किया अपना वादा, जानें भारत में कब शुरू होगा काम?
पीएम नरेंद्र मोदी की अमेरिकी यात्रा के दौरान जो बाइडेन ने भारत के साथ जेट इंजन तकनीक साझा करने का ऐतिहासिक समझौता किया। इस एपिसोड में गुरुवार को एक बड़ा खुलासा हुआ है। अमेरिकी विदेश विभाग ने भारत के साथ प्रौद्योगिकी साझा करने पर अमेरिकी कांग्रेस (अमेरिकी संसद) को जानकारी दी है। इसें कहा गया है कि यह तकनीक भारत को हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) द्वारा निर्मित किए जाने वाले LCA मार्क-2 विमान के लिए प्रदान की जाएगी, इसके बाद इस उन्नत तकनीक का उपयोग करके भारत में निर्मित GE-F414 जेट इंजन भी उपलब्ध कराया जाएगा।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, जो बाइडे के प्रशासन के दौरान 28 जुलाई को अमेरिकी कांग्रेस को अधिसूचना भेजी गई थी। नियम के मुताबिक, 30 दिन के बाद भारत में टेक्नोलॉजी ट्रांसफर डील को मंजूरी मिल जाएगी। पीएम नरेंद्र मोदी की तीन दिवसीय अमेरिका यात्रा के दौरान 22 जून को अमेरिका की GE और भारत की HAL के बीच समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे। इस प्रस्ताव को अमेरिकी कांग्रेस में कोई बाधा आने की संभावना नहीं है।
अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा हितों के तहत वहां की सभी पार्टियां इसके पक्ष में हैं। विशेष रूप से GE F-414 इंजन का उपयोग भारतीय विमान वाहक के लिए DRDO की एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (ADA) द्वारा विकसित LCA Mk-II, AMCA Mark-I और ट्विन इंजन डेक आधारित फाइटर (TEDBF) को शक्ति देने के लिए किया जाएगा।
इन सभी मामलों को लेकर इस डील के बाद भारत सरकार की ओर से इस विषय पर कोई और औपचारिक जानकारी नहीं दी गई है। हालांकि, एक बात तो साफ है कि भारत में आधुनिक जेट इंजन विमान विकसित होने के बाद पड़ोसी देश चीन और पाकिस्तान की मुश्किलें बढ़ना तय है।
भारत में कब शुरू होगा काम?
कहा जा रहा है कि एएमसीए मार्क-2 फाइटर को बनाने के लिए कम से कम 100 इंजन की जरूरत होगी। इसी तरह, एएमसीए मार्क-1 और टीईडीबीएफ को इस दशक के अंत तक 200 इंजनों की आवश्यकता होगी। एडीए द्वारा 2024 के अंत या 2025 की शुरुआत तक एलसीए मार्क II का एक प्रोटोटाइप विकसित करने की उम्मीद है। पूरा कार्यक्रम अब तक निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार चल रहा है। जिसके बाद निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा।