चांद पर ऐतिहासिक लैंडिंग की उल्टी गिनती शुरू, पूरे देश में उत्साह का माहौल, सफलता के लिए हो रहे यज्ञ

‘चंद्रयान 3’ मिशन 23 अगस्त की शाम को चंद्रमा की सतह पर उतरेगा। इसरो के मुताबिक, ‘चंद्रयान 3 को लैंड…

चांद पर ऐतिहासिक लैंडिंग की उल्टी गिनती शुरू

‘चंद्रयान 3’ मिशन 23 अगस्त की शाम को चंद्रमा की सतह पर उतरेगा। इसरो के मुताबिक, ‘चंद्रयान 3 को लैंड कराने या न कराने का अंतिम फैसला लैंडिंग के तय समय से ठीक 2 घंटे पहले लिया जाएगा। यदि ‘चंद्रयान 3’ 23 अगस्त को नहीं उतरा तो यह 27 अगस्त को चंद्रमा पर उतर सकता है।

चंद्रयान-3 मिशन पर 600 करोड़ रुपये खर्च किये गये हैं। चंद्रयान-3 को 14 जुलाई को लॉन्च किया गया था। चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव तक पहुंचने में इसे 41 दिन लगने थे, जो अपने तय कार्यक्रम के मुताबिक 23 अगस्त को चंद्रमा की सतह पर उतरेगा और सफल लैंडिंग करते ही एक नया इतिहास बन जाएगा।

चंद्रयान-3 इसरो का चार साल में दूसरा मिशन है। अगर इसरो इस प्रयास में चंद्रमा पर टचडाउन और रोवर उतारने में सफल हो जाता है, तो अमेरिका, चीन और सोवियत संघ (अब रूस) के बाद भारत ऐसा करने वाला चौथा देश बन जाएगा।

‘चंद्रयान 2’ दुर्घटनाग्रस्त हो गया था

चंद्रयान-3 का लक्ष्य चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित और सॉफ्ट लैंडिंग करना है। इसके साथ ही इसे चंद्रमा की परिक्रमा करनी होगी और यथास्थान वैज्ञानिक प्रयोग करने होंगे। इससे पहले इसरो ने चंद्रयान-2 लॉन्च किया था, लेकिन इसका लैंडर ‘विक्रम’ 7 सितंबर, 2019 को उतरते समय दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। चंद्रयान का पहला मिशन 2008 में लॉन्च किया गया था।

सिस्टम की नियमित जांच हो रही

इसरो ने मंगलवार दोपहर को कहा कि मिशन तय समय पर है। सिस्टम द्वारा नियमित जांच की जा रही है। उड़ान सुचारू रूप से जारी है। इसरो के अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र के निदेशक नीलेश देसाई ने कहा कि अगर 23 अगस्त को स्थितियां असामान्य पाई गईं तो हम लैंडिंग में चार दिन की देरी कर 27 अगस्त तक का समय लगा देंगे।

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