हर भारतीय घर में दिवाली की तैयारियां जोर-शोर से चल रही है। दिवाली का त्योहार हिंदू धर्म में बहुत महत्वपूर्ण है। इस बार भी देश में प्रकाश का त्योहार धूमधाम से मनाया जाएगा। दिवाली कार्तिक मास की अमास तिथि को मनाया जाता है। इस दिन शाम को लक्ष्मीजी, गणेशजी, भगवान राम, माता सीता, माता सरस्वती और हनुमानजी की पूजा की जाती है। दिवाली का त्योहार घर में सुख-समृद्धि लाता है। तो आइए जानते हैं शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, प्रिय भोग, मंत्र और आरती समेत दिवाली पूजन के बारे में सारी जानकारी।
इस वर्ष कार्तिक माह की अमास तिथि 12 नवंबर को दोपहर 2:43 बजे शुरू होगी और 13 नवंबर को दोपहर 2:56 बजे समाप्त होगी। दिवाली के दिन प्रदोष काल में मां लक्ष्मी, गणेश की पूजा का विशेष महत्व है। तो इस साल दिवाली 12 नवंबर 2023 को मनाई जाएगी।
पूजा का शुभ मुहूर्त
दिवाली के दिन शाम 5:38 बजे से शाम 7:35 बजे तक लक्ष्मी पूजा का शुभ समय है। इसके साथ ही लक्ष्मी पूजा का निशिता काल 12 नवंबर को रात 11:35 बजे से 13 नवंबर को दोपहर 12:32 बजे तक रहेगा।
दिवाली पूजन सामग्री
धूप, दीप, रोली, कंकू, अक्षत, हल्दी, सिन्दूर, केसर, कपूर, कवला, दूर्वा, फल, फूल, गन्ना, जनोई, नागरवेल के पत्ते, गुलाब और चंदन का इत्र, कमल ककड़ी की माला, शंख, चांदी का सिक्का, आम का पत्ता, गंगा जल, आसन, चौकी, काजल, हवन सामग्री, फूल माला, नारियल, लौंग, इलायची, कपड़ा, रुपया, शहद, दही, गुड़, धनिया, पंचामृत, पताशा, पंच मेवा, मिठाई, सरसों का तेल या घी, मिट्टी की दवा और केला, पत्ते आदि सामग्री एकत्र करनी होगी।
दिवाली पूजन
घर की उत्तर-पूर्व या उत्तर दिशा में लाल कपड़ा बिछाएं। उस पर लक्ष्मीजी और गणेश की मूर्ति स्थापित करें। सबसे पहले गणेश-लक्ष्मी का आह्वान करें और फिर गणेश को गंगाजल में मिलाकर स्नान कराएं और फिर लक्ष्मी को स्नान कराएं। अब मां लक्ष्मीजी को गुलाब या कमल के फूल चढ़ाएं। उन्हें गुलाब का इत्र और वस्त्र अर्पित करें। इसके साथ ही गणेश जी को वस्त्र, फूल और चंदन का इत्र अर्पित करें।
अब सारी पूजा सामग्री माता लक्ष्मी और गणेश के सामने रखें। अपनी अनामिका उंगली से सभी देवताओं को चंदन और अक्षत लगाएं। इसके बाद विधि-विधान से मां लक्ष्मी और गणेश की पूजा करें। पूजा के दौरान कमल ककड़ी की माला से मंत्र का जाप करें और उनकी आरती करें। पूजा के बाद मां लक्ष्मी और गणेश को दक्षिणा चढ़ाएं और मंदिर में दान करें। पूजा समाप्त होने के बाद एक बार फिर से उनकी आरती करें और पूजा में हुई किसी भी गलती के लिए माफी मांगें।
इस चीज का लगाएं भोग
मां लक्ष्मी को खीर बहुत प्रिय है। दिवाली पर भोग के लिए खीर बनाएं। इसके अलावा आप पूजा में शिंगोला, अनार, नारियल, पान, हलवा और मखाना भी चढ़ा सकते हैं। इस दिन आप मां लक्ष्मी को सफेद और गुलाबी मिठाई का भोग लगा सकते हैं। इसके साथ ही आप भगवान गणेश को माथीचूर या बेसन के लड्डू और पीले मोदक का भोग भी लगा सकते हैं।
इन मंत्रों का जाप करें
लक्ष्मीजी का बीज मंत्र- ॐ हीं श्री लक्ष्मीभ्यो नमः
गणेश जी का बीज मंत्र- ॐ गं गणपतये नमः