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- October 2, 2023
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गांधी जयंती 2023: महात्मा गांधी के जीवन से जुड़े वे तथ्य, जो उन्हें बनाता है महान व्यक्तित्व
गांधी जयंती 2023: महात्मा गांधी के जीवन से जुड़े वे तथ्य, जो उन्हें बनाता है महान व्यक्तित्व अहिंसा के पुजारी…
गांधी जयंती 2023: महात्मा गांधी के जीवन से जुड़े वे तथ्य, जो उन्हें बनाता है महान व्यक्तित्व
अहिंसा के पुजारी के नाम से प्रसिद्ध महात्मा गांधी की जयंती हर साल 2 अक्टूबर को मनाई जाती है। उनका जन्म 2 अक्टूबर, 1869 को पोरबंदर गुजरात में हुआ था। उनकी प्रारंभिक शिक्षा पोरबंदर में शुरू हुई थी। गांधीजी एक औसत छात्र थे और खेलों में भी ज्यादा शामिल नहीं होते थे। हालांकि बाद में उनकी रूचि पढ़ाई के प्रति बढी और विदेश से उच्च शिक्षा हासिल की। कई रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि वह अंग्रेजी में अच्छे, अंकगणित में अच्छे और भूगोल में कमजोर थे। आइए जानते हैं, उनके जीवन से जुड़ी अहम तथ्य…
पढ़ाई में औसत और लिखावट थी खराब
गुजरात के पोरबंदर में प्रारंभिक शिक्षा के बाद गांधीजी अपने पिता की नई नौकरी के कारण राजकोट चले गए। इसके बाद 11 साल की उम्र में उनका दाखिला अल्फ्रेड हाई स्कूल में हो गया। यह कॉलेज लड़कों का था। यहां वह अंग्रेजी सहित कई विषयों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए एक अच्छे छात्र के रूप में उभरे। हालांकि, उनकी लिखावट ज्यादा अच्छी नहीं थी और बहुत प्रयास के बाद भी इसमें सुधार नहीं हुआ। उनका मानना था कि शिक्षा वह हथियार है, जिससे अन्याय के खिलाफ लड़ा जा सकता है।
स्वच्छता के प्रति थे काफी सजग
गांधी जी मानते थे कि गंदगी के कारण ही बीमारियां फैलती है। यही कारण है कि वह सफाई को अधिक तवज्जो देते थे। इसके अलावा शरीर की तंदरुस्ती को भी अधिक महत्व देते थे। उनका कहना था कि हमारा शरीर कूड़ेदान नहीं है, इसलिए कुछ पेट में न डालें। खाना खाने से पहले उस पर गौर करें, विचार करें कि आप क्या खा रहे हैं और इसका दीर्घकालिक असर क्या होगा। उनका कहना था कि शराब और तंबाकू लंग कैंसर, स्ट्रोक, हाई ब्लड प्रेशर आदि का कारण बन सकते हैं। इसकी वजह से डायबिटीज, दिल की बीमारियां भी हो सकती हैं। वह ध्यान यानी मेडीटेशन को काफी बढ़ावा देते थे।
114 दिनों तक लगातार भूखे रहे
स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान गांधीजी को 13 बार गिरफ्तार किया गया और इस दौरान उन्होंने 17 बड़े उपवास किये और लगातार 114 दिनों तक भूखे रहे। नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने पहली बार गांधीजी को राष्ट्रपिता कहकर संबोधित किया था। महात्मा गांधी को कभी नोबेल पुरस्कार नहीं मिला, लेकिन उन्हें पांच बार (1937, 1938, 1939, 1947, 1948) नोबेल पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया था। हालांकि बाद में नोबेल समिति को यह एहसास हुआ कि उन्हें नोबेल न देना सबसे बड़ी भूल थी। हालांकि यह भी कहा गया कि उनका व्यक्तित्व इन पुरस्कारों से काफी ऊपर है।गांधी जयंती 2023