‘अनुच्छेद 370’ पर आया ऐतिहासिक फैसला, मोदी सरकार के निर्णय पर लगी सुप्रीम कोर्ट की मुहर; जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा जल्दी लौटाने के निर्देश

आर्टिकल 370′ पर ऐतिहासिक फैसला, मोदी सरकार के निर्णय पर लगी सुप्रीम कोर्ट की मुहर; जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा…

'अनुच्छेद 370' पर आया ऐतिहासिक फैसला, मोदी सरकार के निर्णय पर लगी सुप्रीम कोर्ट की मुहर; जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा जल्दी लौटाने के निर्देश

आर्टिकल 370′ पर ऐतिहासिक फैसला, मोदी सरकार के निर्णय पर लगी सुप्रीम कोर्ट की मुहर; जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा जल्दी लौटाएं के निर्देश
मोदी सरकार के जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने भी अपनी मुहर लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने माना कि अनुच्छेद 370 एक अस्थायी प्रावधान है और केंद्र सरकार के इसे हटाने का फैसला पूरी तरह सही है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जम्मू कश्मीर में सितंबर 2024 तक चुनाव कराए जाने चाहिए। बता दें, 2019 में केंद्र सरकार के अनुच्छेद 370 को हटाने के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ताओं की यह दलील कि केंद्र सरकार राष्ट्रपति शासन के दौरान राज्य में अपरिवर्तनीय परिणाम वाली कार्रवाई नहीं कर सकती, यह स्वीकार्य नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उसका मानना है कि भारत में शामिल होने के बाद जम्मू कश्मीर में आंतरिक संप्रभुता का कोई तत्व बरकरार नहीं रहा है और राज्य के लिए संघ द्वारा लिया गया हर निर्णय चुनौती के अधीन नहीं है। इससे अराजकता और अनिश्चित पैदा होगी और राज्य का प्रशासन ठप हो जाएगा।

जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 को लेकर फैसला आने से पहले ही सरकार ने घाटी में सुरक्षा कड़ी कर दी गई थी। दो दिन पहले ही पुलिस ने तमाम संबंधित संवेदनशील जगहों पर सुरक्षा बलों को तैनात कर दिया था। सड़क से लेकर इंटरनेट पर कड़ी नजर रखी गई है। भड़काऊ पोस्ट करने वाले पांच लोगों के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज किया गया है। वहीं पीडीपी के चीफ महबूबा मुफ्ती ने जम्मू कश्मीर पुलिस पर तानाशाही का आरोपी लगाया है।

जम्मू-कश्मीर संविधान सभा की सिफारिश आवश्यक नहीं

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अनुच्छेद 370 को निरस्त करने से पहले जम्मू कश्मीर संविधान सभा की सिफारिश आवश्यक नहीं थी और अनुच्छेद 370 को हटाने का अधिकार जम्मू कश्मीर के एकीकरण के लिए है और असाधारण परिस्थितियों को छोड़कर अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के लिए राष्ट्रपति के फैसले के खिलाफ अपील में सुनवाई नहीं कर सकते।

राष्ट्रपति के पास अनुच्छेद 370 को खत्म करने का अधिकार

सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि जम्मू कश्मीर के पास कोई आंतरिक संप्रभुता भी नहीं थी और इसका संविधान भारत के संविधान के अधीन था और राष्ट्रपति के पास ही अनुच्छेद 370 खत्म करने की शक्ति थी। इसके साथ ही अनुच्छेद 370 को स्थायी व्यवस्था कहने वाली याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है।
‘सितंबर 2024 तक जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव हों’

चीफ जस्टिस न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा कि अनुच्छदे 370 को केवल आर्टिकल 370 के तहत प्रक्रिया का सहारा लेकर संशोधित किया जा सकता था। इसके साथ ही कोर्ट ने सरकार से कहा कि वह 30 सितंबर 2024 तक जम्मू कश्मीर के विधानसभा चुनाव कराए। साथ ही कोर्ट ने कहा कि जल्द से जल्द स्टेटहुड वापस किया जाए।

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