महिला नागा सन्यासी की रहस्यमई दुनिया, माघ मेला 2023

महिला नागा सन्यासी की रहस्यमई दुनिया, माघ मेला 2023 महिला नागा सन्यासी की रहस्यमई दुनिया- पुरुष नागा सन्यासी के बारे…

महिला नागा सन्यासी की रहस्यमई दुनिया, माघ मेला 2023

महिला नागा सन्यासी की रहस्यमई दुनिया- पुरुष नागा सन्यासी के बारे में तो आप जानते हैं लेकिन क्या आप महिला नागा सन्यासी के बारे में जानते हैं? इनकी रहस्यमई दुनिया क्या होती है? इसके बारे में अधिक जानकारी नहीं मिलती है। उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के इलाके में नागा महिला सन्यासी कुंभ मेले के अवसर पर दिखाई देती हैं। क्या महिला नागा सन्यासी पुरुष नागा सन्यासी की तरह निर्वस्त्र होती हैं?

इस समय प्रयाग में माघ मेला 2023 का आयोजन चल रहा है, यह महाशिवरात्रि तक चलेगा। गंगा, जमुना और सरस्वती के संगम स्नान का महत्व पुराणों और धार्मिक ग्रंथों में दर्ज है। बता दें कि Pryagraj Magh Mela 2023 में देशभर से तमाम साधु-संत और अखाड़े के साध स्नान करने के लिए पहुंचने लगे हैं।
इनमें नागा सन्यासियों और साधुओं को देखने के लिए लोग में कौतूहल और आकर्षण बना रहता है। नागा पुरुष सन्यासियों की तरह नागा महिला संन्यासियों की भी परंपरा होती है। अक्सर इन धार्मिक आयोजनों में ही नागा महिला संन्यासी-साध्वी दिखती हैं। आपको बता दें कि महिला नागा सन्यासी भौतिक माया-मोह का परित्याग कर देती हैं। अपना जीवन भगवान के प्रति समर्पित कर सन्यास धर्म का पालन करती हैं

महिला नागा सन्यासी

बता दें कि महिला नागा साधु अक्सर कुंभ स्नान या इसी तरह के खास धार्मिक आयोजन में ही दिखाई देती है। जैसे ही धार्मिक आयोजन समाप्त होता है, वैसे ही वह मुख्यधारा की दुनिया से स्वयं को अलग कर लेती है इसलिए महिला नागा सन्यासी के बारे में बहुत अधिक जानकारी लोगों के पास नहीं है। महिला नागा सन्यासी की रहस्यमई जीवन के बारे में कई जानकारियां है। यह लगातार कठिन तपस्या करती और ईश्वर की आराधना में लीन रहती हैं। इनका जीवन जप-तप और ईश्वर के प्रति समर्पित रहता है।

नागा संन्यासी बनने का संस्कार

आपको बता दें कि नागा साधु केवल पुरुष ही नहीं बल्कि महिलाएं भी होती हैं। जैसे पुरुषों को नागा सन्यासी बनने के लिए कठिन प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है, उसी तरीके से महिला नागा सन्यासी को भी कठिन परीक्षा प्रक्रिया से गुजरना होता है। महिला नागा सन्यासी बनने के लिए 10 से 15 साल तक ब्रह्मचर्य का कठिन पालन करना होता है। इसके साथ ही अपने गुरु को विश्वास दिलाना होता है कि वह अपना जीवन अपनी इच्छा से ईश्वर के प्रति समर्पित कर चुकी हैं।
एक खास बात यह है कि जो भी नागा सन्यासी बनता अपने जीवन में ही पिंडदान कर लेते हैं और इस मोह माया के जीवन से स्वयं को दूर करके भक्ति में लीन हो जाते हैं। महिला नागा सन्यासी भी अपने सिर का मुंडन कराते हैं और पूरे विधि-विधान से पवित्र नदी में स्नान करके नागा संन्यासी बनती हैं।

क्या महिला नागा सन्यासी निर्वस्त्र रहती हैं

आपको बता दें कि अखाड़ों में महिला नागा संन्यासिनी भी होती हैं। ये महिला नागा साध्वी भी ईश्वर की पूजा पाठ करती हैं। ऐसी नागा संन्यासी को सभी साधु और साध्वी माता कह कर बुलाते हैं।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि नागा साधु दो तरह के होते हैं, एक जो कपड़ा धारण करते हैं और दूसरे दिगंबर यानी बिना वस्त्र के होते हैं।
प्रश्न यह है कि क्या महिला नागा सन्यासी निर्वस्त्र रहती हैं? तो आपको बता दें कि नहीं महिला नागा साधु निर्वस्त्र नहीं रहती हैं, वे अपने शरीर पर एक गेरुआ रंग का कपड़ा धारण करती हैं लेकिन यह कपड़ा सिला हुआ नहीं होता है। महिला नागा सन्यासी जो वस्त्र पहनती हैं, उसे गंती कहा जाता है। इनके माथे पर तिलक लगा हुआ होता है। जो इनकी विशेष पहचान होती है।

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